देश के सभी राज्यों से नक्सलवाद के खिलाफ ताबूत में अंतिम कील ठोकने की तैयारी है। उन्होंने अपील की थी कि हथियार छोड़कर मुख्य धारा में लौटें। इसके बाद नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम देकर चुनौती दी है।अब तक की बड़ी घटनाएं अरनपुर : 26 अप्रैल 2023छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र के जंगल में बुधवार की दोपहर नक्सलियों की बिछाई गई आइइडी में हुए विस्फोट की चपेट में आने से 10 डीआरजी जवान बलिदान हुए थे। एक आम नागरिक की भी मौत हुई थी।टेकुलगुड़ेम: 3 अप्रैल 2021बीजापुर जिले के टेकुलगुड़ेम में नक्सलियों ने घात लगाकर सुरक्षा बल की संयुक्त पार्टी को निशाना बनाया था। इस हमले में सुरक्षा बल के 23 जवान बलिदाल हुए थे। एक जवान राकेश्वर मन्हास को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था, जिसे बाद में रिहा किया गया था।मिनपा : 21 मार्च 2020सुकमा जिले के चिंतागुफा इलाके में डीआरजी और एसटीएफ जवान सर्चिंग पर थे। मिनपा व एलमागुंडा के आसपास नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी। कोरजागुड़ा पहाड़ी के पास छिपे नक्सलियों ने चारों ओर से जवानों पर गोलियों की बौछार कर दी। जिससे 17 जवान बलिदान हुए थे।श्यामगिरी : 9 अप्रैल 2019दंतेवाड़ा में 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले नक्सलियों ने चुनाव प्रचार के लिए जा रहे भाजपा विधायक भीमा मंडावी की कार पर हमला किया था। इस हमले में भीमा मंडावी के अलावा उनके चार सुरक्षा कर्मी भी बलिदान हुए थे।कांकेर : 5 अप्रैल 2019 कांकेर में बीएसएफ के जवानों पर नक्सलियों ने कायराना हमला करते हुए गोलीबारी की थी, इसमें चार जवान बलिदान हुए थे।किस्टाराम : 13 मार्च 2018सुकमा जिले के किस्टाराम क्षेत्र में 13 मार्च 2018 को नक्सलियों ने आइइडी ब्लास्ट किया, जिसमें सीआरपीएफ के 9 जवान बलिदान व 25 जवान घायल हो गए थे।भेज्जी: 11 मार्च 2017सुकमा के भेज्जी इलाके में नक्सलियों द्वारा किए गए आइईडी ब्लास्ट और फायरिंग में 12 सीआरपीएफ जवान बलिदान हो गए थे। घटना में तीन जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे। सीआरपीएफ 219 बटालियन के करीब 100 जवान रोड ओपनिंग के लिए निकले थे। इस दौरान इंजरम और भेज्जी के बीच कोत्ताचेरू में नक्सलियों ने घात लगाकर आइईडी ब्लास्ट किया और गोलियां बरसाना शुरू कर दिया था।चिंतागुफा : 24 अप्रैल 2017 सुकमा जिले के चिंतागुफा के पास नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 25 जवान बलिदानी हो गए थे। जब वे सड़क निर्माण में सुरक्षा के बीच खाना खा रहे थे।झीरम : 25 मई 2013 बस्तर के झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 32 लोग मारे गए थे।एनएमडीसी प्लांट: 13 मई 2012नक्सलियों ने एनएमडीसी के प्लांट में कायराना हमला किया था। इसमें सीएसआइएफ के छह जवान बलिदान हुए थे।बीजापुर: 19 अगस्त 2011इस घटना में बीजापुर में 11 सुरक्षा जवान बलिदान हुए थे। इस मामले में भी घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने उन पर हमला किया था।धौड़ाई : 29 जून 2010 नारायणपुर जिले के धोड़ाई में सीआरपीएफ के जवानों पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था। इस हमले में 27 जवान बलिदानी हो गए थे।गादीरास : 17 मई 2010एक यात्री बस में सवार हो कर दंतेवाड़ा से सुकमा जा रहे सुरक्षाबल के जवानों पर गादीरास के पास नक्सलियों ने बारूदी सुरंग लगा कर हमला किया था, जिसमें 12 विशेष पुलिस अधिकारी बलिदानी समेत कुल 36 लोग मारे गए थे।यह भी पढ़ें- Bijapur Naxal Attack Update: अमित शाह के बस्तर से लौटने के 19 दिन बाद नक्सली तांडव… जवानों के बलिदान पर राजनीति शुरूताड़मेटला- 6 अप्रैल 2010बस्तर के ताड़मेटला में सीआरपीएफ के जवान सर्चिंग के लिए निकले थे, जहां नक्सलियों के बारुदी सुरंग विस्फोट में 76 जवान बलिदानी हो गए थे।मदनवाड़ा : 12 जुलाई 2009राजनांदगांव के मानपुर थाना में नक्सली हमले में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे समेत 29 पुलिसकर्मी बलिदानी हो गए थे।बीजापुर: 20 जून 2009इस हमले में नक्सलियों के निशाने पर आए सीआरपीएफ के 11 जवान बलिदान हुए थे।यह भी पढ़ें- Bijapur Naxal Attack: सबक भूले जवान, इसलिए नक्सलियों को मिल गया मौकाएर्राबोर : 9 जुलाई 2007 एर्राबोर के उरपलमेटा में सीआरपीएफ और जिला पुलिस का बल नक्सलियों की तलाश कर वापस बेस कैंप लौट रहा था। दल पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला बोला, जिसमें 23 पुलिसकर्मी मारे गए।रानीबोदली : 15 मार्च 2007बीजापुर के रानीबोदली में पुलिस के एक कैंप पर आधी रात को नक्सलियों ने हमला किया। भारी गोलीबारी के बाद कैंप को बाहर से आग लगा दी थी। इस हमले में पुलिस के 55 जवान बलिदान हुए थे।