ना कोच, ना मैदान फिर भी जीत लिया स्वर्ण पदक... PM मोदी ने की बस्तर ओलंपिक में गोल्ड मैडल जीतने वाली पायल की तारीफ
Chhattisgarh

ना कोच, ना मैदान फिर भी जीत लिया स्वर्ण पदक… PM मोदी ने की बस्तर ओलंपिक में गोल्ड मैडल जीतने वाली पायल की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में बस्तर ओलंपिक की चर्चा करते हुए सुकमा जिले की बेटी पायल कवासी की बहादुरी की तारीफ की। पायल ने बस्तर ओलंपिक में भाग लिया और कई खेलों में पदक प्राप्त किए। पायल ने कहा कि गांवों में प्रतिभाओं की कमी नहीं, बस उन्हें उचित मंच नहीं मिल पाता।By Anurag Mishra Publish Date: Sun, 29 Dec 2024 03:47:32 PM (IST)Updated Date: Sun, 29 Dec 2024 03:47:32 PM (IST)पीएम मोदी से तारीफ सुन खुशी से झूमीं पायल। (फोटो- नईदुनिया प्रतिनिधि)HighLightsपायल ने बस्तर ओलंपिक में पदक जीते।गांव में खेल का मैदान और कोच की कमी।पायल ने कहा- गांवों में प्रतिभाएं दब जाती हैं।नईदुनिया न्यूज, सुकमा। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में बस्तर ओलंपिक की चर्चा की, जिसमें उन्होने सुकमा जिले की बेटी पायल कवासी का जिक्र करते हुए उनकी बहादुरी की तारीफ की।इसकी जानकारी पायल कवासी को नहीं थी, जब नईदुनिया की टीम गांव पहुंची और पायल को बताया उसके बाद मोबाइल में उन्हे पीएम की बात को सुनाया तो वो खुश हो गईं। उन्होंने कहा कि मेरी जैसे कई युवा है, जिनके अंदर प्रतिभा तो है लेकिन उन्हे सही मंच नहीं मिल रहा है।जिला मुख्यालय से 20 किमी. दूर स्थित राजामुड़ा पंचायत का आश्रित गांव बोरगापारा है, जहां एक कमरे वाले कच्चे घर में अपनी मां के साथ पायल कवासी रही हैं, जिसकी बहादुरी की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में की है।पायल कवासी की उम्र 20 साल है, वो अपनी बुर्जुग मां के साथ रहती हैं। उनके तीन भाई हैं, जिनकी शादी हो गई है। वह अलग रहते हैं। पायल कवासी ने दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण से 12वीं तक पढ़ाई की है। उसके बाद पढ़ाई छोड़ गांव में रहकर मां की सेवा कर रही हैं।बस्तर ओलंपिक में भर दिया फॉर्म पायल ने बताया कि गांव में ना तो खेल का मैदान है और ना ही कोच की सुविधा है। उनको कबड्डी खेलने का बहुत शौक था। वो खेलती भी थी, लेकिन पढ़ाई छोड़ने के बाद घर के कामों में व्यस्त हो गई। कुछ दिन पहले गांव के सचिव फार्म भर रहे थे। किसी के कहने पर मैंने भी बस्तर ओलंपिक का फार्म भर दिया।इन खेलों में पाया पदक उसके बाद पंचायत में भाला फैक में पहला स्थान प्राप्त किया। उसके बाद ब्लॉक, जिला फिर संभाग स्तर में मैंने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहां मुझे गोल्ड मैडल मिला और कबड्डी में भी भाग लिया, उसमें भी मुझे मैडल प्राप्त हुआ है। अब वो घर पर ही मां के साथ रहती है।पीएम से तारीफ सुन खुशी से झूम उठीं पायल पायल कवासी के घर नईदुनिया की टीम गई, तो वो घर के कामों में व्यस्त थी। पायल से पूछा की आज देश के पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात में उनके नाम का जिक्र किया है। उनकी बहादुरी की भी तारीफ की तो उन्होंने सच नहीं माना। मोबाईल पर उन्हें सुनाया, तो वो खुश हो उठीं। उन्होंने नईदुनिया के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया है।गांवों में प्रतिभा बहुत है, लेकिन उचित मंच नहीं – पायल पायल कवासी ने कहा कि गांवों में मेरी तरह प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उन्हें उचित मंच नहीं मिलता है, इसलिए प्रतिभा गांवों में ही दब जाती है। बस्तर ओलंपिक कार्यक्रम की तरह आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए, जिससे मेरी जैसी प्रतिभाओं को मौका मिलेगा। पायल कहती हैं कि परिस्थिति कैसी भी हो, जब भी मौका मिले तो अपना हुनर दिखाना चाहिए।

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