पश्चिमी विक्षोभ का असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है। स्काईमेट वेडर के, वर्तमान में देश के विभिन्न वैश्वीकरण में साइक्लोन सार्क स्टॉक और सीज़न की कई जटिल संरचनाएं भी सक्रिय हो रही हैं। आने वाले कुछ दिनों तक उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में ठंड और स्थिरता तो दक्षिण भारत के राज्यों में बारिश होगी। पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम से प्रभावित आईएमडी के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण दक्षिण-पूर्व ईरान और आस-पास के महासागरों में चक्रवाती सर्कुलेशन (चक्रवाती परिसंचरण) बन रहा है। इसके अलावा, एक और चक्रवाती संरचना दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान और आस-पास के क्षेत्र में बनी है। इसका प्रभाव पश्चिमी विक्षोभ के साथ पश्चिमी हवाएं और मंजिल स्तर पर पूर्वी हवाएं चल सकती हैं। 11 और 12 जनवरी को पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में तेज़ से मध्यम वर्षा और तूफ़ान की संभावना है। 11 और 12 जनवरी को पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में तेज़ से मध्यम वर्षा या तूफ़ान की संभावना है। इसके अलावा, उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य भारत की कुछ विचारधाराओं में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पिछले 24 घंटों के दौरान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हुई, जबकि लक्षद्वीप में भी हल्की बारिश दर्ज की गई। पंजाब, दिल्ली और पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ आदर्शों में घना कोहरा छाया, उत्तर भारत के पंजाब, दिल्ली और पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ आदर्शों में घना से बहुत घना कोहरा देखा गया। पंजाब में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। स्काईमेट वेडर के, 11 जनवरी को पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश और तूफान हो सकता है। इसके अलावा, उत्तर और पूर्वी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तटीय द्वीप और दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। आंतरिक, केरल और लक्षद्वीप में हल्की बारिश का अनुमान है। देश के कई विचारधाराओं में घने कोहरे और शीतलहर का खजाना जारी है। ठंड की वजह से लोग अपने घर और रजाई में डूबे हुए हैं। यूपी के कई राज्यों में भी शनिवार को घना कोहरा देखने को मिला। यूपी के कनाडा में घने कोहरे और शीतलहर का खजाना है जारी। ठंड और कोहरे की वजह से घर में डूबे हुए हैं लोग और कोहरे की वजह से घर में डूबे लोग और दोस्त पर दोस्ती। आलू की पैदावार में गिरावट के कारण आलू की फसल को नुकसान का खतरा बढ़ गया है। धुंध और कोहरे के कारण बिजली में भी आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। घने कोहरे से दृश्यता बहुत कम हो गई है, जिससे वाहनों की गति बेहद धीमी हो गई है। इसके अलावा, जंगल में भी घने कोहरे और ठंड के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कों कोहरे में दुकानें बनी हैं और दृश्यता केवल 100 मीटर तक सीमित है। लोग ठंड से बचने के लिए आसमान का सहारा ले रहे हैं। वहीं, गुड़गांव में पिछले दो दिनों से लगातार कोहरे और ठंड का असर देखने को मिल रहा है। यहां के लोग दिवाली दिवाली से बचने का प्रयास कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों के पहाड़ी जंगलों में हो रही रेतीले बागानों के कारण खाड़ी और अधिक बढ़ गई है। पिछले दो दिनों से यहां घना कोहरा छाया हुआ है, जिससे नेशनल हाईवे-9 पर दृश्यता शून्य हो गई है। कोहरे के कारण सड़क पर विकलांगता का ख़तरा बढ़ गया है, और ट्रेन यात्री भी देर से चल रहे हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। (इनपुट-आईएएनएस)