बरहामपुर. ओडिशा के गंजाम जिले में एक सरकारी कॉलेज के प्राधिकारियों ने कथित तौर पर एक छात्रा की रैगिंग में शामिल 12 छात्रों को संस्थान से निष्कासित करने का फैसला किया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. एक पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि पुलिस ने रैगिंग की घटना में शामिल होने के आरोप में दो किशोरों और तीन वयस्क (द्वितीय वर्ष) छात्रों सहित पांच छात्रों को गिरफ्तार किया है.
एक अधिकारी ने कहा कि बिनायक आचार्य कॉलेज ने गत शनिवार को एक छात्रा की रैगिंग में शामिल 12 छात्रों को बृहस्पतिवार को निष्कासित करने का फैसला किया. कॉलेज प्राचार्य प्रमिला खडंगा ने कहा, ‘‘हमने सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के जरिए रैगिंग में शामिल छात्रों की पहचान कर ली है. इन सभी को अनिवार्य ट्रांसफर र्सिटफिकेट (टीसी) देकर कॉलेज से निकाल दिया जाएगा.’’ प्राचार्य ने कहा कि प्लस टू (द्वितीय वर्ष) के ऐसे छात्र जिन्होंने वार्षिक परीक्षा के फॉर्म भरे हैं और रैगिंग में शामिल हैं, उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हम घटना के बारे में उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद को लिखेंगे.’’ खडंगा ने कहा कि 12 छात्रों को कॉलेज से निकालने का फैसला बृहस्पतिवार को हुई अनुशासन समिति और एंटी रैगिंग सेल की बैठक में लिया गया. उन्होंने आगे कहा कि निष्कासन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में छात्रों का एक समूह एक जूनियर छात्रा को परेशान करता नजर आ रहा है. पीड़िता ने बुधवार को बड़ा बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई.
इस बीच, पुलिस अधीक्षक, बरहामपुर, सरबन विवेक एम ने कॉलेज के प्राचार्य के साथ सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार संस्थान में रैगिंग-विरोधी तंत्र पर चर्चा की. पुलिस ने घटना में शामिल छात्रों की कॉलेज में प्रवेश के समय अन्य औपचारिकताओं और उनके हलफनामों की जानकारी मांगी.
एसपी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए पांच छात्रों में से तीन की उम्र 18 साल से अधिक है. उन्होंने ने कहा, ‘‘हम घटना में शामिल अन्य लोगों की जांच कर रहे हैं.’’ उन्होंने आगे कहा कि यह केवल रैगिंग का मामला नहीं है, बल्कि पीड़िता के यौन उत्पीड़न का मामला है.
एसपी ने कहा कि रैगिंग की धाराओं के अलावा पुलिस यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत भी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी.
एसपी ने कहा कि छात्र, शिक्षक और अभिभावक टोल फ्री नंबर 112 डायल कर किसी भी संस्थान से फोन पर रैगिंग की सूचना दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर संस्थान की रैगिंग निरोधक सेल ठीक से काम नहीं कर रही है, तो वे नजदीकी पुलिस थाने में भी शिकायत कर सकते हैं.