9 साल की बच्ची की लाश से दरिंदगी, लेकिन कोर्ट ने नहीं दी सजा… कानून की नजर में यह नहीं है रेप
Chhattisgarh

9 साल की बच्ची की लाश से दरिंदगी, लेकिन कोर्ट ने नहीं दी सजा… कानून की नजर में यह नहीं है रेप

छत्तीसगढ़ में 9 साल की बच्ची की हत्या और उसकी लाश के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। निचली अदालत ने न्याय नहीं मिलने पर पीड़िता की मां ने हाई कोर्ट का रुख किया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने भी शव के साथ दुष्कर्म करने पर दोषियों को कोई सजा नहीं सुनाई।By Arvind Dubey Publish Date: Sun, 22 Dec 2024 09:41:02 AM (IST)Updated Date: Sun, 22 Dec 2024 11:16:35 AM (IST)जानिए क्या है नेक्रोफीलिया (प्रतिकात्मक तस्वीर)HighLightsगरियाबंद जिले में हुई थी बच्ची की हत्या हत्या के बाद आरोपी ने किया था दुष्कर्म हाई कोर्ट ने खारिज की मां की याचिकानईदुनिया, बिलासपुर (Rape with dead body)। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि मौजूदा भारतीय कानून में शव के साथ दुष्कर्म (नेक्रोफीलिया) को अपराध की श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। इसलिए, इस आधार पर किसी को सजा नहीं दी जा सकती है।मामला गरियाबंद जिले की 9 वर्षीय बच्ची की हत्या और हत्या के बाद दुष्कर्म से जुड़ा है। उसकी मां ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। ट्रायल कोर्ट ने मुख्य आरोपी नितिन यादव को हत्या और अन्य अपराधों में उम्रकैद की सजा दी है, जबकि सह आरोपित नीलकंठ नागेश को साक्ष्य मिटाने के आरोप में सात साल की सजा सुनाई है।हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए मां की याचिका खारिज की है।ट्रायल कोर्ट का फैसला हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि देश में प्रचलित कानून में शव के साथ दुष्कर्म को अपराध की श्रेणी में नहीं रखा गया है। मौजूदा कानून में नेक्रोफीलिया अपराध नहीं है। वर्तमान कानून में शव के साथ दुष्कर्म करने वाले को सजा देने का प्रविधान नहीं है।जानिए क्या हुआ था 18 अक्टूबर 2018 को 18 अक्टूबर 2018 को गरियाबंद निवासी नौ साल की बालिका का शव सुनसान इलाके में मिला था। 22 अक्टूबर 2018 को आरोपी नीलकंठ उर्फ नीलू नागेश को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि नितिन यादव ने बच्ची का अपहरण और दुष्कर्म कर हत्या की थी। आरोपित नीलकंठ ने अपने बयान में इस बात का जिक्र किया था कि उसने शव के साथ दुष्कर्म किया था। मामले की सुनवाई के बाद ट्रायल कोर्ट ने मुख्य आरोपी नितिन यादव को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं नीलकंठ को साक्ष्य छिपाने के आरोप में 7 साल कैद की सजा सुनाई थी। ट्रायल कोर्ट के फैसले को बच्ची की मां ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी। अब कानून में बदलाव की मांग उठी है। यहां भी क्लिक करें – DSP पर भाभी से दुष्कर्म का आरोप… रिश्ते में मौसी की बहू लगती है पीड़िता, जांच जारी, अभी गिरफ्तारी नहींक्या होता है नेक्रोफीलिया कैम्ब्रिज डिक्शनरी के अनुसार, शवों के प्रति यौन आकर्षण होना या शवों के साथ यौन गतिविधि में लिप्त होना नेक्रोफीलिया कहलाता है। दुनिया में कई ऐसे मानसिक रोगी पाए गए हैं, जो नेक्रोफीलिया से पीड़ित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top