पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-उल-मुजाहिदीन (टीयूएम) के वरिष्ठ सदस्य जावेद मुंशी की गिरफ्तारी से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। आतंकवादी को पकड़ने के लिए संयुक्त अभियान में जम्मू-कश्मीर पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) शामिल थी। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने केंद्र पर घुसपैठ और सीमा पार आतंकवाद को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा, “सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सीमा सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। अगर केंद्र सरकार सीमा की उचित सीलिंग सुनिश्चित करती है, तो ऐसी घटनाएं नहीं होंगी।'' मुंशी को गिरफ्तार करने में राज्य पुलिस की भूमिका की सराहना करते हुए हकीम ने कहा, ''ममता बनर्जी के प्रशासन के तहत पश्चिम बंगाल पुलिस ने आतंकवादियों को पकड़ा है। राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के प्रति हमारी नीति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है। हमारा देश हमेशा पहले स्थान पर है।” उन्होंने गृह मंत्री शाह से असंबद्ध राजनीतिक मामलों के बजाय सीमा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने टीएमसी के आरोपों पर पलटवार करते हुए दावा किया कि भूमि मुद्दे सीमा सुरक्षा सुधारों में बाधा डालते हैं। “हम 100 लेंगे अगर बंगाल सरकार हमें पूरी सीमा बाड़ लगाने के लिए जमीन देती है तो शत-प्रतिशत जिम्मेदारी होगी।'' मजूमदार ने दावा किया कि गृह मंत्री शाह ने 70 बीएसएफ चौकी की जमीन का अनुरोध किया था, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक किसी को भी मंजूरी नहीं दी है। बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार की भी आलोचना की और उस पर चरमपंथियों को शरण देने का आरोप लगाया। अधिकारी ने कहा, “यह सरकार आतंकवादियों द्वारा चलाई जाती है, जिसमें मुखौटे के पीछे सिद्दीकुल्ला चौधरी और ममता बनर्जी जैसे चेहरे हैं।”