हार्मोनल असंतुलन से वजन का कम या अधिक होना, अधिक पसीना आना, दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर में बदलाव आना, ड्राई स्किन, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, अधिक प्यास लगना और बार बार बाथरूम जाना, अनियमित मासिक धर्म जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। कुछ आदतों में बदलाव करके आप इनसे छुटकारा पा सकते हैं।By Shashank Shekhar Bajpai Publish Date: Tue, 24 Dec 2024 09:00:00 AM (IST)Updated Date: Tue, 24 Dec 2024 09:00:00 AM (IST)मानसिक और शारीरिक स्थिति पर असर डालता है हार्मोन्स का असंतुलन। फोटो- प्रतीकात्मक।HighLightsहार्मोनल इंबैलेंस का वजन, मानसिक और शारीरिक स्थिति पर पड़ता है गहरा असर।ड्राई स्किन, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, अनियमित मासिक धर्म जैसी समस्याएं होती हैं। कुछ स्वस्थ आदतों को अपनाकर हम हार्मोनल परिवर्तन से पा सकते हैं छुटकारा। डिजिटल डेस्क, इंदौर। सेहत को हेल्दी बनाएं रखने के लिए हार्मोन का बैलेंस रहना भी जरूरी है। ये हमारे स्वास्थ्य को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारे शरीर के हर क्षेत्र में हार्मोन्स का प्रभाव होता है जिसका हमारे वजन, मानसिक और शारीरिक स्थिति पर गहरा असर पड़ता है।यही कारण है कि हार्मोनल असंतुलन से वजन का कम या अधिक होना, अधिक पसीना आना, दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर में बदलाव आना, ड्राई स्किन, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, अधिक प्यास लगना और बार-बार बाथरूम जाना, अनियमित मासिक धर्म जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।ऐसे में कुछ स्वस्थ आदतों को अपनाकर हम अपने शरीर में होने वाले इस तरह के हार्मोनल परिवर्तन से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं। इसके साथ ही ऐसा करने से हमें कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा। तो फिर देर किस बात की, आइए जानते हैं इन स्वस्थ आदतों के बारे में… व्यक्ति को स्वस्थ्य रहने के लिए सबसे पहले खुद को हाइड्रेटेड बनाए रखना जरुरी है। इसके लिए इलेक्ट्रोलाइट युक्त पानी का सेवन जरूर करें। पानी में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट हमारे शरीर में हार्मोन्स के बेहतर कामकाज को बढ़ावा देते हैं। इसके साथ ही इससे हमारी बॉडी हमेशा डिटॉक्स होती रहती है। साथ ही शरीर में पानी की कमी की वजह से कोई परेशानी नहीं होती है। हार्मोन्स उत्पादन और टिशूज की मरम्मत के लिए हमारे शरीर को प्रोटीन की जरूरत होती है। इसके लिए डेली कम से कम 30 ग्राम प्रोटीन का सेवन जरूर करें। डेली चाय पीने की आदत छोड़ें, इसकी जगह हर्बल टी या कैमोमाइल टी पीने की आदत डालें। ये सूजन को कम करने में सहायक होते हैं, जो हार्मोनल असंतुलन को बैलेंस करने में अपना योगदान करतें हैं। फाइबर का सेवन हार्मोनल परिवर्तन में काफी लाभदायक होता है। ऐसे में डेली फाइबर से भरपूर, साबुत अनाज, फल, सब्जियां और फलियों को अपनी डेली डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं। यह भी पढ़ें- Mental Health: मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं ये 5 फूड्स, बना लें दूरी हार्मोनल परिवर्तन के लिए डॉक्टर्स से सप्लीमेंट भी ले सकते हैं। जैसे कि विटामिन डी, ओमेगा थ्री फैटी एसिड, अश्वगंधा, मैग्नीशियम, और रोडियोला जैसी एडाप्टोजैनिक औषधियां हार्मोनल असंतुलन को बैलेंस करने में सहायक हो सकतें हैं। डेली 7 से 9 घंटे की पर्याप्त नींद जरुर पूरी करें। अपर्याप्त नींद हार्मोनल परिवर्तन में मददगार होती है। ऐसे में पर्याप्त नींद बहुत जरुरी है। यह भी पढ़ें- ज्यादा स्क्रीन टाइम से कमजोर हो रही हैं आंखें, योग की एक्सरसाइज बचाएगी रोशनी खाने का टाइम फिक्स रखें और उसी समय अपना भोजन करें। अनियमित खानपान ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन लेवल को प्रभावित करता है जिससे हार्मोनल डिसबैलेंस होने लगता है डेली दोनों वक्त के खाने के बाद 10 मिनट की वॉक जरूर करें। ये पाचन में सहायक होगा जिससे हार्मोनल डिसबैलेंस नहीं होता।