सस्ती भी, असरदार भी… पांच साल में चार गुना बढ़ गई जेनेरिक दवाओं की खपत

सस्ती भी, असरदार भी… पांच साल में चार गुना बढ़ गई जेनेरिक दवाओं की खपत

जनऔषधि केंद्रों से साल 2019 में छह करोड़ की दवाओं की बिक्री हुई थी, जो साल 2024 में बढ़कर 24 करोड़ रुपये तक हो गई है। इससे साफ पता चलता है कि लोगों का विश्वास जेनरिक दवाओं की तरफ बढ़ रहा है।By Shashank Shekhar Bajpai Publish Date: Tue, 31 Dec 2024 02:20:42 PM (IST)Updated Date: Tue, 31 Dec 2024 02:20:42 PM (IST)अब लोग सस्ती दर में मिलने वाली जेनेरिक दवाओं का उपयोग करने लगे हैं।HighLightsशुगर, बीपी, कोलेस्ट्राल, फंगस जैसी बीमारियों की दवा की बढ़ी बिक्री। ब्रांडेड दवाओं की तुलना में काफी किफायती रहती हैं जेनरिक दवाएं। दवाएं सस्ती होने के साथ ही असरदार होने की वजह से अधिक बिक रहीं।नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा। केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई जनऔषधि केंद्रों की वजह से लोगों में जागरूकता आई है। अब वे सस्ती दर में मिलने वाली जेनेरिक दवाओं का उपयोग करने लगे हैं। पिछले पांच साल में इनकी खपत में चार गुना वृद्धि हुई है। वर्तमान में कोरबा जिले में 12 केंद्र संचालित हैं।साल 2019 में इन संस्थानों में छह करोड़ की दवाओं की बिक्री हुई थी। वहीं, साल 2024 में यह बढ़कर 24 करोड़ रुपये तक हो गई है। प्रधानमंत्री जनौषधि केंद्र बिकने वाली सस्ती दवाओं के प्रति लोगों की विश्वसनीयता बढ़ने लगी है। जिले शहर सहित उपनगरीय क्षेत्रों में तीन दुकानें चल रही हैं।सरकारी अस्पतालों में भी लिखने लगे जेनेरिक दवाएं इन दुकानें में शुगर, बीपी, कोलेस्ट्राल, फंगस जैसी बीमारियों की दवा की बिक्री बढ़ी है। लोगों की मांग पर सरकारी अस्पतालों में भी जेनेरिक दवाएं चिकित्सक लिखने लगे हैं। पांच वर्ष पहले जिले में दो औषधि केंद्र की शुरूआत शहर के पुराना बस स्टैंड और घंटाघर में हुई।तब यह नहीं लग रहा था कि इस पर आम लोगों की निर्भरता बढ़ जाएगी। केंद्र संचालक रिजवान खान का कहना है कि केंद्र सरकार खास प्रधानमंत्री की ब्रांडिंग होने की वजह से लोग अब दवाओं को पूर्ण विश्वसनीयता के साथ खरीद रहे हैं। दवाएं सस्ती होने के कारण ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए कारगर होने की वजह से अधिक बिक रही हैं।पैरासिटामोल की जो दवाएं आम बाजार में 30 से 40 रुपये में बिकती है, वही दवा जनऔषधि में 10 रुपये में उपलब्ध है। ब्रांडेड कंपनियाें की दवाओं की तरह सस्ती दवाएं भी कारगर हैं। रिजवान का कहना है कि दवा सस्ती होने के कारण एक दो दिन की नहीं, बल्कि माह भर के लिए एकमुश्त ले जाते हैं।यह भी पढ़ें- 45 पैसेंजर और 81 मेमू ट्रेनें नियमित नंबर से दौड़ेंगी, नया टाइम टेबल भी किया जारीकेंद्र में सर्जिकल और मेडिसिन मिलाकर डेढ़ हजार से भी अधिक उत्पाद बिक रहे हैं। शुरू में उत्पादाें की संख्या हजार से भी कम थी। दवाओं की कीमत अधिक होने की वजह से लोग पहले सुरक्षात्मक दवाओं को घर में पहले से नहीं रखते थे। जनौषधि केंद्रों जलने कटने, चोट लगने, अस्थि जोड़ दर्द, सर्दी, बुखार की दवा सस्ते में मिल रही हैं।

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