तीन अप्रैल तक चलेगी रक्सौल सिकंदराबाद साप्ताहिक ट्रेन, कोच में कोई बदलाव नहीं

तीन अप्रैल तक चलेगी रक्सौल सिकंदराबाद साप्ताहिक ट्रेन, कोच में कोई बदलाव नहीं

सिकंदराबाद-रक्सौल साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन के कोच में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए पहले की तरह ट्रेन एक थ्रर्ड एसी, दो टू टायर एसी, एक एसी प्रथम कम एसी टू टायर, 12 स्लीपर, चार सामान्य कोच के साथ चलेगी।By Shashank Shekhar Bajpai Publish Date: Wed, 08 Jan 2025 02:46:59 PM (IST)Updated Date: Wed, 08 Jan 2025 02:46:59 PM (IST)सिकंदराबाद-रक्सौल साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन के परिचालन अवधि बढ़ाई गई है।HighLightsसिकंदराबाद-रक्सौल साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन 3 महीने और चलेगी। पहले इसे दो जनवरी 2025 तक ही चलाने का लिया गया था फैसला।कोरबा-विशाखापत्तनम लिंक एक्सप्रेस मंगलवार को 40 मिनट लेट हुई।नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। यात्रियों की सुविधाओं एवं मांग को ध्यान में रखते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर जाने वाली 07005/07006 सिकंदराबाद-रक्सौल साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन के परिचालन अवधि बढ़ाई गई है। अब यात्रियों को इस ट्रेन की सुविधा तीन अप्रैल तक मिलेगी।पूर्व में इसे दो जनवरी तक ही चलाने का निर्णय लिया गया था। 07005 सिकंदराबाद-रक्सौल स्पेशल ट्रेन प्रत्येक सोमवार को सिकंदराबाद से 31 मार्च तक और 07006 रक्सौल-सिकंदराबाद साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन प्रत्येक गुरुवार को रक्सौल से 09 जनवरी से 03 अप्रैल चलेगी।कोच में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। पहले की तरह यह ट्रेन एक एसी थ्री, दो एसी टू टायर, एक एसी प्रथम कम एसी टू टायर, 12 स्लीपर, चार सामान्य कोच के साथ चलेगी।लिंक एक्सप्रेस की फ्लैशर लाइट में खराबी कोरबा-विशाखापत्तनम लिंक एक्सप्रेस मंगलवार को 40 मिनट तक जोनल स्टेशन में खड़ी रही। इस ट्रेन के इंजन की फ्लैशर लाइट में तकनीकी खराबी आ गई थी। सुरक्षा के मद्देनजर पहले लाइट को सुधारने का प्रयास किया। सुधार नहीं होने पर दूसरा इंजन लगाने का निर्णय लिया गया।इसके बाद जैसे ही ट्रेन रवाना करने से पहले फ्लैशर लाइट जलाई गई, वह चालू नहीं हुई। बिना इस लाइट के परिचालन सुरक्षित नहीं होता। इसलिए चालक ने गार्ड और गार्ड ने तत्काल कंट्रोल व स्टेशन मास्टर को सूचना दी। इस पर इलेक्ट्रिक विभाग का सुधार दल पहुंचा और लाइट को ठीक करने में जुट गया।काफी जद्दोजहद के बाद भी सुधार नहीं हुआ। तब अधिकारियों से चर्चा कर दूसरा इंजन जोड़कर ट्रेन को रवाना करने का निर्णय लिया गया। मालूम हो कि फ्लैशर लाइट बेहद महत्वपूर्ण होती है। सेक्शन में जब ट्रेन खड़ी होती है, तब इसे जलाकर रखने का नियम है।यह भी पढ़ें- सख्ती: ‌नशे के कारोबार से बनाई दो करोड़ से ज्यादा की संपत्ति, पुलिस ने की सीजइसके अलावा कोहरे के दौरान इस लाइट के सहारे ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन में मदद भी मिलती है। लिहाजा, इस लाइट के बिना ट्रेन को रवाना नहीं किया जा सकता था। इसलिए दूसरा इंजन लगाकर ट्रेन को रवाना किया गया।

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