मथुरा के जोधपुर झाल वेटलैंड पर पहली बार प्रवासी पक्षियों की एक दुर्लभ प्रजाति रोजी पेलिकन (ग्रेट व्हाइट पेलिकन) देखी गई है। इन पक्षियों के दो समूह कुल 38 की संख्या में वेटलैंड पर पहुंचे हैं। इनकी उपस्थिति ने इस क्षेत्र को और आकर्षक बना दिया है। इसे उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के संरक्षण प्रयासों की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
जोधपुर झाल वेटलैंड आगरा और मथुरा के बीच स्थित है। पहले, पेलिकन की यह प्रजाति केवल भरतपुर और आगरा के सूरसरोवर जैसी जगहों पर देखी जाती थी, लेकिन अब यह जोधपुर झाल वेटलैंड पर भी पहुंच गई है।
पक्षी विशेषज्ञ डॉ. केपी सिंह के अनुसार, भारत में पेलिकन की तीन प्रमुख प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें डालमेशन पेलिकन और रोजी पेलिकन प्रवासी पक्षी हैं। ये पक्षी सर्दियों में भारत आते हैं। रोजी पेलिकन अपने बड़े आकार और मछलियां पकड़ने के अनोखे तरीके के लिए प्रसिद्ध है। इनके लिए स्वच्छ पानी की झीलें आदर्श आवास होती हैं।
ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि जोधपुर झाल वेटलैंड का विकास अंतिम चरण में है। इस परियोजना में मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा निर्माण कार्य और वन विभाग द्वारा पौधारोपण किया जा रहा है। वेटलैंड को न केवल पक्षियों के लिए अनुकूल बनाया जा रहा है बल्कि इसे पर्यटन के लिए भी विकसित किया जा रहा है।
इस साल जोधपुर झाल में कई नई प्रजातियों के पक्षी देखे गए हैं, जिनमें विलुप्तप्राय सफेद गिद्ध भी शामिल है। यह उपलब्धि क्षेत्र में जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को दर्शाती है।-(hs Samachar)