पीएम मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण भविष्य का मार्गदर्शक है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि सबका साथ सबका विकास हम सभी का दायित्व है, लेकिन कांग्रेस से इसकी उम्मीद करना बड़ी भूल है।
सबका साथ, सबका विकास’ से कुछ लोग परेशान
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने भारत की उपलब्धियों के बारे में, दुनिया की भारत से अपेक्षाओं के बारे में और भारत के सामान्य मानवी का आत्मविश्वास, विकसित भारत का संकल्प जैसे सभी विषयों की विस्तार से चर्चा की थी। देश को आगे की दिशा भी उन्होंने दिखाई। उन्होंने कहा कि यहां ‘सबका साथ, सबका विकास’ के बारे में बहुत कुछ कहा गया है। मुझे समझ में नहीं आता कि लोग इस पर क्यों परेशान हो रहे हैं। यह सबकी साझा जिम्मेदारी है और भारत के लोगों ने हमें इसी के लिए चुना है। हालांकि, कांग्रेस से यह उम्मीद करना कि वह इस नारे को समझेगी और यह कैसे काम करता है, एक बड़ी भूल होगी। पूरी पार्टी सिर्फ़ एक परिवार के लिए समर्पित है और इसलिए उनके लिए ‘सबका साथ, सबका विकास’ के आदर्श वाक्य के साथ काम करना असंभव है।
देश ने हम सबको यहां बैठने का अवसर दिया
उन्होंने कहा कि यहां पर ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर बहुत कुछ कहा गया। ‘सबका साथ, सबका विकास’ तो हम सबका दायित्व है। इसलिए देश ने हम सबको यहां बैठने का अवसर दिया है। कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के मॉडल में परिवार को प्राथमिकता देना चिंता का विषय है। इसलिए उनकी नीतियां, कामकाज, भाषण – सभी इसी को सुनिश्चित करने पर केंद्रित रहे हैं। मैं देश के प्रति आभारी हूं कि उन्होंने हमें तीसरी बार सेवा करने के लिए चुना। भारत के लोगों ने हमारी प्रगति की नीति को परखा है और हमें अपने वादों को पूरा करते हुए देखा है। हमने लगातार ‘राष्ट्र प्रथम’ के आदर्श के साथ काम किया है।
योजनाएं बिना किसी गड़बड़ी के लाभार्थियों तक पहुंचे
पीएम मोदी ने कहा कि हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि भारत के संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो। हमने संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाया है। हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि योजनाएं बिना किसी गड़बड़ी के लाभार्थियों तक पहुंचे। पिछले दशक में हमने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के आदर्श के साथ काम किया है और इसके परिणाम सामने आए हैं।
एससी/एसटी एक्ट को बनाया मजबूत
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमने एससी/एसटी एक्ट को मजबूत बनाया। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का मॉडल संतुष्टिकरण पर भरोसा करता है। पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि हमारे गवर्नेंस का आधार ‘सबका साथ, सबका विकास’ है। हमने एससी/एसटी एक्ट को मजबूत बनाया। जातिवाद का जहर फैलाने का प्रयास हो रहा है। लेकिन, 3-3 दशक तक दोनों सदन के ओबीसी सांसद ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग करते थे, लेकिन इसे नहीं माना गया। उस समय उनकी राजनीति को यह सूट नहीं करता था। हमने ओबीसी समाज की इस मांग को पूरा किया।
आरक्षण पर दिया समाधान
उन्होंने कहा कि देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया है तो समस्या का समाधान करने का प्रयास नहीं किया गया। तनाव और दुश्मनी पैदा करने के तरीके अपनाए गए। लेकिन, हमारी सरकार ने पहली बार ऐसा मॉडल दिया, जिसमें समाधान ढूंढा गया। हमने सामान्य वर्ग के गरीब को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। बिना किसी तनाव और बिना किसी से छीने दिया। जब हमने ऐसा किया तो एससी/एसटी और ओबीसी समुदाय ने इसका स्वागत किया और किसी के भी पेट में दर्द नहीं हुआ।
राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया, तो समस्या के समाधान के लिए सत्य को स्वीकार करने का काम नहीं हुआ। देश में विभाजन कैसे हो, तनाव कैसे पैदा हो, वही तरीके अपनाए गए। पहली बार हमारी सरकार ने एक ऐसा मॉडल दिया और ‘सबके साथ, सबके विकास’ के मंत्र के साथ दिया।
भारत की विकास यात्रा में नारी शक्ति के योगदान
देश की महिलाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि भारत की विकास यात्रा में नारी शक्ति के योगदान को कोई नकार नहीं सकता। लेकिन, अगर उनको अवसर मिले और वो नीति-निर्धारण का हिस्सा बनें तो देश की प्रगति में और गति आ सकती है। इस बात को ध्यान रखते हुए हमने इस नए सदन के पहले निर्णय के रूप में ‘नारी शक्ति अधिनियम’ पारित कराया।