कला, संस्कृति और शिल्प का भव्य महोत्सव शुरू, 42 देशों के 648 शिल्पकार शामिल

भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजनों में से एक सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला आज शुक्रवार से शुरू हो गया है। यह मेला 7 से 23 फरवरी तक चलेगा और इसमें भारत के साथ-साथ 42 देशों के शिल्पकार भाग ले रहे हैं। हर साल लाखों लोग इस मेले में आते हैं जहां उन्हें पारंपरिक हस्तशिल्प, वस्त्र, लोक कला और व्यंजनों का अनूठा संगम देखने को मिलता है। इस आयोजन का संचालन सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन द्वारा किया जा रहा है जिसमें पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति और विदेश मंत्रालय का भी सहयोग है।

इस साल मेला ‘शिल्प महाकुंभ’ थीम पर आधारित है, जो महाकुंभ मेले से प्रेरित है। इसमें 1,000 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं जहां अलग-अलग राज्यों और देशों की अनूठी हस्तकला, वस्त्र, और पारंपरिक कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी। इस बार मेले में 648 अंतरराष्ट्रीय शिल्पकारों की भागीदारी से यह और भी खास बनने जा रहा है। आयोजन स्थल को विभिन्न क्षेत्रों में बांटा गया है जहां भारत के अलग-अलग राज्यों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।

सूरजकुंड मेला सुबह 10:30 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहेगा। टिकट खरीदने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने खास व्यवस्था की है। लोग Momentum 2.0 ऐप के जरिए या सभी मेट्रो स्टेशनों से टिकट खरीद सकते हैं। यह सुविधा 7 फरवरी से 23 फरवरी तक सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक उपलब्ध होगी। टिकट की कीमत सोमवार से शुक्रवार के लिए ₹120 और शनिवार व रविवार के लिए ₹180 रखी गई है।

हर साल आयोजित होने वाला यह मेला भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दुनियाभर में पहुंचाने का एक शानदार मंच है। हस्तशिल्प और लोककलाओं के कद्रदानों के लिए यह एक बेहतरीन मौका है जहां वे न केवल खरीदारी कर सकते हैं, बल्कि कलाकारों से सीधे मिलकर उनके हुनर और परंपराओं को भी समझ सकते हैं।

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