महाकुंभ में अब तक 7 लाख श्रद्धालुओं का इलाज, देश-विदेश के विशेषज्ञ जुटे

महाकुंभ में श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए व्यापक चिकित्सा व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ में आम लोगों से लेकर विदेशी मेहमानों तक के लिए बेहतरीन इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब तक यहां 7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का इलाज किया जा चुका है। इस महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवा में कनाडा, जर्मनी, रूस के विशेषज्ञों के साथ-साथ एम्स दिल्ली और आईएमएस बीएचयू के डॉक्टर भी शामिल हैं। नोडल चिकित्सा अधिकारी डॉ. गौरव दुबे ने बताया कि महाकुंभ क्षेत्र में 23 एलोपैथिक अस्पतालों में 4.5 लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया गया। साथ ही 3.71 लाख लोगों की पैथोलॉजी जांच भी की गई।

महाकुंभ में आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेद और होम्योपैथी के जरिए भी श्रद्धालुओं का इलाज किया जा रहा है। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसाइटी के सहयोग से 20 आयुष अस्पताल 24 घंटे सेवाएं दे रहे हैं। इनमें 10 आयुर्वेदिक और 10 होम्योपैथिक अस्पताल शामिल हैं। अब तक 2.18 लाख श्रद्धालुओं को आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा से लाभ मिला है। इन अस्पतालों में एम्स आयुर्वेद, दिल्ली के 7 विशेषज्ञ डॉक्टर, बीएचयू के डीन डॉ. वी. के. जोशी और कनाडा के डॉक्टर थॉमस समेत कई देशों के अनुभवी चिकित्सक काम कर रहे हैं।

योग और प्राकृतिक चिकित्सा का भी विशेष योगदान

महाकुंभ के आयुर्वेदिक अस्पतालों में पंचकर्म, जड़ी-बूटी आधारित उपचार, योग चिकित्सा और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को आयुष डॉकेट, योगा डॉकेट, कैलेंडर, औषधीय पौधे और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी दी जा रही है। इसके अलावा नई दिल्ली के मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान से आई 5-5 योग प्रशिक्षकों की टीमें महाकुंभ क्षेत्र में नियमित योग सत्र संचालित कर रही हैं। इन सत्रों में जर्मनी, स्वीडन, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस और नेपाल से आए विदेशी श्रद्धालु विशेष रुचि दिखा रहे हैं। उन्होंने भारतीय चिकित्सा पद्धति की सराहना की है। महाकुंभ में 1 से 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए पुष्य नक्षत्र के दौरान विशेष आयुर्वेदिक औषधि ‘स्वर्ण प्राशन’ दी जा रही है। इससे बच्चों की एकाग्रता, बुद्धि कौशल, रोग प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक विकास में वृद्धि हो रही है।

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