ब्रिटेन के व्यापार और वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे। भारत पहुंचने पर उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री से मुलाकात की। भारत-ब्रिटेन आठ महीने के अंतराल के बाद एफटीए पर बातचीत की शुरुआत फिर से कर रहे हैं।
दरअसल, पीएम मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने नवंबर 2024 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की और शीघ्र ही व्यापार वार्ता फिर से शुरू करने के महत्व को रेखांकित किया।
ऐसे में भारत और ब्रिटेन ने अपने दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की दिशा में बातचीत फिर से शुरू कर दी है। यह घोषणा दिल्ली में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूनाइटेड किंगडम के व्यापार और व्यापार विभाग के राज्य सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स द्वारा की गई हैं।
भारत और ब्रिटेन घनिष्ठ साझेदार हैं, जो सुरक्षा और रक्षा, नई और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार, हरित वित्त और लोगों के बीच संपर्क पर सहयोग पर आधारित है। इस रिश्ते के केंद्र में आर्थिक विकास और सतत विकास प्रदान करने की सामूहिक आकांक्षा है।
दोनों पक्ष एक संतुलित, पारस्परिक रूप से लाभकारी और दूरदर्शी समझौते की दिशा में बातचीत फिर से शुरू करने पर सहमत हुए हैं जो पारस्परिक विकास प्रदान करता है और दो पूरक अर्थव्यवस्थाओं की ताकत को बढ़ाता है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने से दोनों देशों में व्यापार और उपभोक्ताओं के लिए अवसरों को खोलने और पहले से ही गहरे संबंधों को और मजबूत करने की क्षमता है।
दोनों नेताओं ने वार्ताकारों को निर्देश दिया कि वे समझौते में लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए मिलकर काम करें, ताकि साझा सफलता के लिए निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यापार समझौता सुनिश्चित हो सके।
बता दें कि भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर बातचीत की शुरुआत 23 जनवरी, 2022 को शुरू हुई थी। दोनों देशों के बीच होने वाले समझौते से आर्थिक संबंध मजबूत होंगे। इस बातचीत के जरिए व्यापार को बढ़ावा देने, टैरिफ और निर्यात-निवेश को सरल बनाने का लक्ष्य है।
उल्लेखनीय है कि भारत और ब्रिटेन के बीच अब तक एफटीए पर दिसंबर 2023 तक 13 दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है। इस दौरान दोनों देशों ने कई विषयों पर चर्चा की, जिसमें व्यापारिक सुविधाएं, निवेश, टेक्नोलॉजी, कृषि और सेवा क्षेत्र की नीतियां प्रमुख रूप से शामिल थीं। लेकिन 2024 में ब्रिटेन में आम चुनाव की वजह से वार्ता में एक ब्रेक आ गया था, जो अब फिर से शुरू होने जा रही है।