पशु दीदी बनकर महिलाएं हो रहीं समृद्ध, परिवार को मिला सहारा

पशु दीदी बनकर महिलाएं हो रहीं समृद्ध, परिवार को मिला सहारा

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र व राज्य की कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें से एक पशु सखी योजना ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में मददगार साबित हो रही है। अब तक करीब पाच हजार महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं।By Shashank Shekhar Bajpai Publish Date: Wed, 01 Jan 2025 01:46:29 PM (IST)Updated Date: Wed, 01 Jan 2025 01:48:51 PM (IST)इन महिलाओं ने पशु सखी योजना से जुड़कर उठाया लाभ और बनीं आर्थिक रूप से सशक्त।HighLightsबिलासपुर जिले के 264 गावों की 26 हजार से ज्यादा महिलाएं योजना से जुड़ीं। करीब पांच हजार महिलाओं ने लखपति दीदी बनने का गौरव किया है हासिल।पशु सखी योजना से जुड़कर हजारों महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़कर बिलासपुर जिले की 264 गांवों की महिलाएं समृद्ध हो गई हैं। महिलाओं का कहना है कि बिहान योजना से वे सिर्फ आत्मनिर्भर ही नहीं बनी हैं, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी काफी बढ़ा है।अधिकारियों की मानें, तो परियोजना से जुड़कर 26 हजार चार सौ महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। इनमें से कुछ लखपति दीदी बनकर गांव का गौरव बन चुकी हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र व राज्य की कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।26 हजार से ज्यादा महिलाएं हुईं सशक्त इनमें से एक है पशु सखी योजना। इसके तहत स्व सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व स्वरोजगार से जोडने पशुओं के पालन व उनका व्यवसाय कर आर्थिक रूप से सशक्त होना है। जिले के 264 गांवों की 26 हजार 4 सौ महिलाएं लाभान्वित होकर अपना और अपने परिवार का आर्थिक जीवन सुधार कर गांव की उन्नति में अपना योगदान दे रही हैं।अधिकारियों की मानें, तो पशुओं का पालन कर उनसे बेहतर आय किस तरह प्राप्त की जा सकती है। इसे लेकर महिलाओं को जागृत किया जा रहा है। कई प्रोग्राम के माध्यम से महिलाओं को पशुओं में होने वाली बीमारी व उनसे बचाव के तरीके भी सिखाए जाते हैं।यह भी पढ़ें- पटवारियों की हड़ताल से अटके 8,400 से ज्यादा मामले, भटक रहे हैं लोगयह कहना है महिलाओं का ग्राम पंचायत गुमा बिल्हा की रहने वाली देवंतीन कौशिक गाय पालन और डेयरी व्यवसाय में सफलता हासिल कर रही हैं। उनका कहना है कि वे अपनी गायों से अच्छा मुनाफा कमा रही हैं और लखपति दीदी बनने की ओर अग्रसर हैं। ग्राम पंचायत बोडसरा की रहने वाली बबीता आठ महीने पहले ही पशु सखी बनकर अपनी आजीविका को सशक्त कर रही हैं। इसके साथ ही वह दूसरों को भी पशुपालन के लाभ के बारे में जानकारी दे रही हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना से उनका जीवन स्तर सुधरा है। ग्राम पंचायत कया की रहने वाली ज्योति कौशिक बकरी पालन कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और परिवार की आय में वृद्धि कर रही हैं। ज्योति ने बताया कि पहले उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब थी। बिहान योजना से जुडने के बाद वह इस योजना का लाभ उठा रही हैं। यह भी पढ़ें- ओडिशा से आती थी डिमांड, रायपुर से चोरी कर भेज देते थे बाइकपांच हजार महिलाएं बनीं लखपति दीदी महिलाओं ने ग्रामीण स्तर पर ही प्रशिक्षण प्राप्त कर पशु सखी बन कर पशुपालन के माध्यम से आजीविका के साधन प्रदान कर रही हैं। जिले की 4 हजार 995 महिलाएं पशु सखी बन कर लखपति दीदी का गौरव हासिल कर चुकी हैं।

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