नक्सलियों के मुंह पर तमाचा… जहां शहीद हुए थे 76 जवान, उस चिंतागुफा को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

नक्सलियों के मुंह पर तमाचा… जहां शहीद हुए थे 76 जवान, उस चिंतागुफा को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की कमर टूटती जा रही है। इस बीच, खबर सुकमा जिले के चिंतागुफा की है, जहां देश के सबसे बड़े नक्सली हमले को अंजाम दिया गया था। अब यहां के स्वास्थ्य केंद्र को केंद्र सरकार का बड़ा सम्मान प्राप्त हुआ है। जानिए कितनी बड़ी है यह उपलब्धि।By Arvind Dubey Publish Date: Thu, 19 Dec 2024 07:47:09 AM (IST)Updated Date: Thu, 19 Dec 2024 07:53:28 AM (IST)चिंतागुफा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र। (फोटो स्रोत डीपीआर)HighLightsचिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र को केंद्र सरकार का पुरस्कार राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र से हुआ सम्मानित स्वास्थ्य केंद्र को 89.69 प्रतिशत का उत्कृष्ट स्कोर मिलाराज्य ब्यूरो, नईदुनिया.रायपुर: सुकमा जिले के चिंतागुफा नाम सुनते ही लोगों के जेहन में ताड़मेटला कांड की याद आ जाती है। देश के सबसे बड़े नक्सल हमले में 76 जवान बलिदान हुए थे, लेकिन घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र ने वह कर दिखाया है, जिसकी कल्पना मुश्किल थी।चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र को केंद्र सरकार के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है। स्वास्थ्य केंद्र को 89.69 प्रतिशत का उत्कृष्ट स्कोर प्राप्त हुआ है।45 घोर नक्सल प्रभावित गांवों का होता है इलाज 15 व 16 नवंबर 2024 को केंद्र सरकार की एनक्वास टीम ने चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र का मूल्यांकन किया था। ओपीडी, आईपीडी, लैब, लेबर रूम और प्रशासनिक कार्य जैसे सभी विभागों की समीक्षा में उच्च रैंक हासिल किया। चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत पांच उप स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिसमें 45 घोर नक्सल प्रभावित गांव आते हैं। सुकमा कलेक्टर के अपहरण के बाद रिहाई का क्षेत्र हो या बुरकापाल में बलिदानियों की याद, सब इसी इलाके की घटना है। कोंटा विकासखंड अंतर्गत स्थित यह क्षेत्र घोर नक्सल प्रभावित है, जिसके अंदरूनी गांवों में आज भी नक्सलियों की दहशत है। हालांकि, बदले हालात में नक्सली कमजोर हो रहे हैं और लोगों तक सरकारी मदद पहुंच रही है।

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