साइबर ठगी के आरोप में पुलिस ने दो ठगों संदीप रात्रा और राजवीर सिंह को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने फर्जी कंपनियों के जरिए बैंक खाते खुलवाए और ठगी की रकम को डॉलर में बदलकर थाईलैंड और चीन भेजा। पुलिस ने आरोपियों से दस्तावेज, बैंक खाता और अन्य सामान जब्त किए हैं।By Anurag Mishra Publish Date: Wed, 18 Dec 2024 06:24:32 PM (IST)Updated Date: Wed, 18 Dec 2024 06:24:32 PM (IST)आरोपी ठगी की रकम को चाइना और थाईलैंड भेजते थे। (फोटो सोर्स- नईदुनिया)HighLightsरायपुर लालपुर में खोल रखा था आफिसआधार कार्ड में पता बदलकर खोली कंपनीनईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। साइबर ठगी का पैसा चाइना व थाईलैंड भेजने वाले दो ठगों को पुलिस ने रायपुर और दिल्ली के अलग-अलग ठिकानों में छापा मारकर गिरफ्तार कर लिया है। साइबर रेंज पुलिस ने उत्तम नगर दिल्ली निवासी संदीप रात्रा (41) और हीरापुर रायपुर निवासी राजवीर सिंह (22) साल को गिरफ्तार किया है।इससे पहले दो आरोपियों को पकड़ा था। इन्होंने आधार कार्ड में पता बदलकर अलग-अलग फर्म खोली थी। उसी के आधार पर बैंक में खाते खुलवाए। आरोपियों के बैंक खातों के की जानकारी के बाद ठगी की रकम बढ़कर 429 करोड़ हो गई है। आरोपियों से मामले से जुड़े दस्तावेज के अलावा और भी दूसरी फर्जी कंपनी के दस्तावेज, फारेक्स ट्रेडिंग बैंक खाता, मोबाइल जब्त किए हैं।आरोपियों ने रुपये को डॉलर में बदलकर कर थाईलैंड और चाइना भेजे थे। पुलिस ने बताया कि टाटीबंध निवासी डॉ पीके गुप्ता से शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर 10 लाख की ठगी की गई। उनके खाते से पैसा दिल्ली, यूपी और राजस्थान में गया। वहां से पैसा रायपुर की अलग-अलग कंपनियों में वापस आया।लालपुर में बनाई फर्जी कंपनी प्रोगेसिव प्वाइंट लालपुर रायपुर में रेड कार्रवाई की गई। आरोपियों ने आधार कार्ड में पता बदलवाकर अन्य फर्जी कंपनी क्रोमा शिपिंग एंड लाजिस्टिक्स बनाई थी। कंपनी के नाम से इंडियन ओवरसीज बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक में फारेक्स ट्रेडिंग से रकम विदेश भेजने के लिए बैंक खाता खुलवाए थे।आरोपी इन बैंक खातों का इस्तेमाल भविष्य में साइबर क्राइम से मिली ठगी के रुपयों को विदेश भेजने के लिए करते। आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा है।डिजिटल अरेस्ट व ट्रेडिंग का झांसा मुख्य आरोपी दिल्ली निवासी राजीव सिंघानियां की तलाश जा रही है। गिरफ्तार दोनों आरोपी 10वीं-12वीं तक पढ़े हैं। खुद को साफ्टवेयर इंजीनियर बताते थे। लालपुर के दो युवकों को ऑफिस बॉय के तौर पर रखा। जिस गैंग के लिए काम करते थे, उसका सरगना उन्हें 50-50 हजार रुपये वेतन देता था। कमीशन अलग से मिलता था। ऑफिस से विदेश में पैसा भेजने लगे।आरोपियों के खिलाफ 10 राज्यों में केस दर्ज पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों के ठिकानों से 41 से ज्यादा बैंक खातों की जानकारी मिली है। इनमें 30 उनकी फर्जी कंपनियों के नाम पर खाते हैं। उनके दफ्तर से डेबिट कार्ड, चेकबुक, कंप्यूटर, लैपटॉप, डॉलर परचेस इनवाइस, वन टाइम पासकोड डिवाइस, यूपीआइ स्कैनर अलग-अलग एड्रेस के आधार कार्ड जब्त किया। आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत 10 राज्यों में केस दर्ज हैं।