छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में 25 दिसंबर से एक जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। इस दौरान नियमित कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी। रजिस्ट्री खुली रहेगी। अवकाश के दिन स्पेशल डिवीजन बेंच में पांच जनहित याचिकाओं की सुनवाई होगी, जिन्हें कोर्ट ने स्वतः संज्ञान में लिया है।By Shashank Shekhar Bajpai Publish Date: Thu, 26 Dec 2024 01:52:56 PM (IST)Updated Date: Thu, 26 Dec 2024 02:34:52 PM (IST)HighLights18 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार सोलर लाइट की खरीदी में आया है सामने। कागजों में लगी लाइट, कागजों में ही गांव सोलर पैनल से हो गए रोशन। 5 अहम जनहित याचिकाओं में हाई कोर्ट की युगलपीठ करेगी सुनवाई।नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में शीतकालीन अवकाश चल रहा है। रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी आदेश के तहत 25 दिसंबर से एक जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। इस दौरान नियमित कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी। रजिस्ट्री खुली रहेगी।छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर गुरुवार को अवकाश के दिन पांच महत्वपूर्ण जनहित याचिकाओं की सुनवाई होगी। पीआईएल की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की स्पेशल डिवीजन बेंच का गठन किया गया है।हाई कोर्ट के इतिहास में यह पहली बार देखने को मिलेगा जब अवकाश के दिन स्पेशल डिवीजन बेंच में पांच जनहित याचिकाओं की सुनवाई होगी। खास बात ये कि सभी जनहित याचिकाओं को चीफ जस्टिस के निर्देश पर स्वत: संज्ञान में लिया गया है।रजिस्ट्रार जनरल ने जारी की काजलिस्ट रजिस्ट्रार जनरल ने पांच पीआईएल का पंजीयन करने के साथ ही काजलिस्ट जारी कर दी है। सभी जनहित याचिकाओं की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की स्पेशल डिवीजन बेंच में होगी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर स्पेशल डिवीजन बेंच का गठन किया गया है।बता दें कि चीफ जस्टिस सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की स्पेशल डिवीजन बेंच में सभी पांचों पीआईएल की सुनवाई होगी। काजलिस्ट के अनुसार तीन मामलों में राज्य सरकार के प्रमुख अफसरों को व दो मामले में केंद्र सरकार व राज्य शासन के प्रमुख विभागीय अधिकारियों को प्रमुख पक्षकार बनाया गया है।जल जीवन मिशन के काम में भ्रष्टाचार जल जीवन मिशन के तहत किए जा रहे काम में भ्रष्टाचार फूटा है। मीडिया रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में सुनवाई करने का निर्णय लिया है। यह मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का है। पानी सप्लाई के बिछाई गई अंडरग्राउंड पाइप लाइन लीकेज हो रहा है। इसे हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है।यह भी पढ़ें- GST 31 Dec Deadline: 31 दिसंबर तक नहीं किया जीएसटी रिटर्न फाइल, तो लगेगा 200 रुपये रोजाना के हिसाब से जुर्मानाभ्रष्टाचार के मामले को लेकर हाई कोर्ट संजीदा अवकाश के दिन जिन पांच मामलों को हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लिया है उसमें एक मामला बस्तर में 18 करोड़ के सोलर लाइट घोटाला से संबंधित है। इसमें पंचायत विभाग ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। बिना टेंडर व वर्क आर्डर के ग्राम पंचायतों के माध्यम से सोलर पैनल व सोलर लाइन लगवाया गया है।मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार घटिया सोलर लाइट लगाकर राज्य सरकार के खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। जहां सोलर सिस्टम व लाइट लगाया गया है एक भी लाइट ना तो जल रही है और न ही सिस्टम ही ठीक है।यह भी पढ़ें- New Year Celebration: रात 10 बजे के बाद धीरे बजेंगे म्यूजिक सिस्टम, एक बजे तक आयोजन करना होगा बंद कुछ एक ऐसी भी पंचायतें हैं, जहां लाइट कागजों में लगी है और कागज में ही गांव सोलर पैनल व लाइट से रोशन हो रहे हैं। नियमानुसार सोलर पैनल और लाइट क्रेडा के माध्यम से लगाए जाने थे। क्रेडा को बगैर जानकारी के ही पूरा सिस्टम बैठा दिया गया है। सीधे तौर पर भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन किया गया है।