मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने आज शुक्रवार को सोशल मीडिया पर फैल रहे ‘प्रदूषण’ पर चिंता व्यक्त की और इसे पर्यावरण प्रदूषण जितना ही गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि गलत जानकारी और झूठी खबरें सोशल मीडिया पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान पहुंचा रहीं हैं। राजीव कुमार ने नई दिल्ली में आयोजित ‘ग्लोबल इलेक्शन ईयर 2024: रीइटरशन ऑफ डेमोक्रेटिक स्पेसेस’ नामक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान यह बातें कहीं।
राजीव कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और साइबर सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करने के लिए चुनाव प्रबंधन निकायों का एक कार्य समूह बनाया गया है। उन्होंने “दिल्ली घोषणा 2025” का जिक्र किया, जो निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी चुनाव सुनिश्चित करने की चुनाव प्रबंधन निकायों (EMBs) की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के एल्गोरिदम (algorithm) लोगों की सोच को एकतरफा बना रहे हैं और उन्हें अन्य विचारों से दूर कर रहे हैं। उन्होंने टेक कंपनियों से अपील की कि वे अपने एल्गोरिदम में बदलाव करें ताकि सही और स्पष्ट जानकारी सामने आए न कि झूठ और भ्रामक खबरें।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस बात पर जोर दिया कि गलत जानकारी को फैलने से पहले ही रोका जाना चाहिए। इसे केवल तथ्य-जांच (fact-checking) पर छोड़ना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि फर्जी खबरों को फैलाना और फिर उसका समाधान बेचना व्यापारिक हितों का संकेत देता है जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया और चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित होती है। राजीव कुमार ने सोशल मीडिया कंपनियों से आग्रह किया कि वे जिम्मेदारी से काम करें और भ्रामक सामग्री को रोकें।
उन्होंने कहा कि इन प्लेटफॉर्म्स को स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति का मंच बने रहना चाहिए न कि झूठ और फर्जी खबरों का केंद्र। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म ने सूचनाओं तक पहुंच और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया है। लेकिन अब इन्हें गलत उपयोग करके लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को कमजोर करने का काम किया जा रहा है।