वैश्विक चुनौतियों के बावजूद दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बना भारत: सीतारमण

नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के कारण एक दशक बेकार होने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले नौ वर्षों में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण भारत भविष्य की वृद्धि को लेकर सकारात्मक स्थिति में है और दुनिया में सबसे तेज गति से बढ.ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है.

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सीतारमण ने कहा, ” पूरी दुनिया में आर्थिक विषयों को लेकर संकट का समय है. आज वैश्विक अर्थव्यवस्था उच्च मुद्रास्फीति और धीमी वृद्धि दर की दोहरी चुनौती का सामना कर रही है.” उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 3 प्रतिशत थी और विश्व बैंक ने 2023 के लिए अनुमान व्यक्त किया है कि यह 2.1 प्रतिशत रह सकती है.

वित्त मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने 14 बार ब्याज दर को बढ.ाया. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से यूरोजोन में उच्च मुद्रास्फीति की स्थिति है, वहीं जर्मनी यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा देश है और वहां भी आर्थिक संकुचन की आशंका व्यक्त की गई है.

सीतारमण ने कहा कि अमेरिका और चीन बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और हम इनसे तुलना नहीं कर रहे हैं लेकिन चीन की स्थिति को देखें तो वहां भी उपभोक्ता मांग में भारी गिरावट आई है और स्थिरता की स्थिति पैदा हो गई है. मीडिया में भी चीन को लेकर अवस्फीति (डिफ्लेशन) की आशंका व्यक्त की जा रही है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी पिछले दिनों शेयर बाजार में उथल-पुथल की स्थिति देखने को मिली.

वित्त मंत्री ने कहा, ” इस नजरिये से भारत की अर्थव्यवस्था को देखें तब वर्ष 2013 में दुनिया की पांच सबसे नाजुक अर्थव्यवस्था की श्रेणी से निकलते हुए आज भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ.ती अर्थव्यवस्था बन गया है.” उन्होंने कहा, ” नाजुक एवं गिरावट वाली अर्थव्यवस्था से निकलने का कारण पिछले नौ वर्षों की नीतियां और आर्थिक सुधार रहे जिसके कारण कोविड-19 की चुनौती के बावजूद हम इस स्थिति तक पहुंचे हैं.” सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2013 में मॉर्गन स्टेनली ने भारत को दुनिया की पांच सबसे नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल किया था, आज उसी मॉर्गन स्टेनली ने भारत को अपग्रेड कर ऊंची रेटिंग दी है.

सीतारमण ने कहा कि अमेरिका, चीन, ब्रिटेन जैसे देश (अर्थव्यवस्था) नीचे की ओर जा रहे हैं और भारत ऐसी अनोखी स्थिति में है जहां वह भविष्य की वृद्धि को लेकर सकारात्मक और आशावान है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ सुधार कार्यक्रम को आगे बढ.ाया और पिछले नौ वर्षों में इन चुनौतियों से निकलते हुए देश तेज गति से आगे बढ. रहा है.

कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ”पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में भ्रष्टाचार और सांठगांठ के पूंजीवाद के कारण पूरा एक दशक बर्बाद हो गया. लेकिन पिछले नौ वर्षों में विपरीत परिस्थिति और संकट को सुधार और अवसर में बदलने का काम किया गया.” उन्होंने कहा, ” इसलिए आज देश उच्च वृद्धि दर और कम मुद्रास्फीति के साथ आगे बढ. रहा है जबकि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के समय उच्च मुद्रास्फीति और कम वृद्धि दर थी.”

वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र को सुधारने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं और आज बैंक, राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना काम करने में सक्षम हैं तथा वे पेशेवर ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ”बैंकों में पूर्ववर्ती संप्रग सरकार का फैलाया हुआ रायता आज हम साफ कर रहे हैं.” विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन का जिक्र करते हुए सीतारमण ने कहा कि विपक्ष के नाम में बदलाव केवल वैधता प्रदान करने के लिए किया गया है क्योंकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) नाम से लोगों को इनका भ्रष्टाचार, सांठगांठ का पूंजीवाद याद आता है.

जनधन योजना, आयुष्मान भारत, आवास योजना, स्वास्थ्य योजना, नल से जल योजना, शौचालय का निर्माण, मुद्रा ऋण योजना का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि संप्रग के समय जनता से कहा जाता था काम किया जाएगा, आज हमारी सरकार में सारे काम हो रहे हैं.

सीतारमण ने कहा, ” संप्रग के समय ‘बनेगा, मिलेगा’ जैसे शब्द प्रचलन में थे. लेकिन आजकल लोग ‘बन गया, मिल गया, आ गया’ जैसे शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं. ” उन्होंने कहा, ”पहले लोग कहते थे कि बिजली आएगी, अब कहते हैं बिजली आ गई, पहले गैस कनेक्शन मिलेगा, अब गैस कनेक्शन मिल गया, पहले कहा जाता था कि आवास मिलेगा, अब कहा जाता है कि आवास मिल गया. ” अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के वक्तव्य पर असंतोष जताते हुए द्रमुक, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया.

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