लखनऊ. मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकती हैं. मैनपुरी के सपा के जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य ने मैनपुरी से पीटीआई-भाषा को बताया, डिंपल यादव सोमवार दोपहर को पर्चा दाखिल करेंगी . इस सीट पर उप चुनाव पांच दिसंबर को होगा और परिणाम की घोषणा आठ दिसंबर को की जाएगी. इस उप चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अंतिम तिथि 17 नवंबर है.
मैनपुरी लोकसभा सीट पर 1996 से सपा के उम्मीदवार चुने जाते रहे हैं. दस अक्टूबर को मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यह सीट खाली हुई. डिंपल यादव 2019 में कन्नौज से भाजपा उम्मीदवार सुब्रत पाठक के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं और हार गई थीं.
इस बीच, मैनपुरी से पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव ने सैफई में संवाददाताओं को बताया कि नामांकन प्रक्रिया आसान होगी.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम बहुत कठिन समय में चुनाव में उतर रहे हैं. नेताजी (मुलायम) को गुजरे हुए एक महीने बीत चुके हैं और चुनावों की घोषणा हो गई है. हम इस उप चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. मैनपुरी के लोगों ने हमेशा से ही समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने के प्रति अपना समर्पण दिखाया है और मुझे उम्मीद है कि हम यह चुनाव भारी अंतर के साथ जीतेंगे.’’
पांच विधानसभाओं में से सपा द्वारा हारी गई दो सीटों- मैनपुरी और भोगांव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘एक सीट पर जीत का अंतर 3600 था, जबकि दूसरी सीट पर यह 5000 था, लेकिन यदि आप सभी सीटों को गिनें तो संख्या सपा के साथ है.’’ रूठे हुए लोगों को पार्टी कैसे मनाएगी, इस बारे में पूछने पर तेज प्रताप यादव ने कहा, ‘‘लोगों का मुलायम सिंह यादव जी के साथ भावनात्मक जुड़ाव रहा है. इन चुनावों में लोग बीती बातें भूलकर सपा के लिए मतदान करेंगे. जिन्होंने पहले सपा को वोट नहीं दिया था वे भी नेताजी के नाम पर सपा को वोट देंगे.’’ उल्लेखनÞीय है कि भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है, जबकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस, बसपा और शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी यह चुनाव लड़ेगी या नहीं.
वर्ष 2019 में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने निकटम प्रतिद्वंदी भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य से 94,000 मतों के अंतर से मैनपुरी सीट से चुनाव जीता था. डिंपल यादव की उम्मीदवारी को उनके ससुर मुलायम सिंह यादव की विरासत को आगे बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है. साथ ही उम्मीदवार के तौर पर डिंपल का चयन पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने का प्रयास है.
अखिलेश की करहल विधानसभा सीट, मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और इसी तरह जसवंत नगर सीट से शिवपाल यादव प्रतिनिधित्व करते हैं. अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने और विधान परिषद में जाने के लिए कन्नौज लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद 2012 में डिंपल यादव इस सीट से निर्विरोध चुन ली गई थीं.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में कुल 12.13 लाख मतदाताओं में करीब 35 प्रतिशत यादव हैं, जबकि अन्य मतदाताओं में शाक्य, ठाकुर, ब्राह्मण, अनुसूचित जाति और मुस्लिम शामिल हैं. मैनपुरी विधानसभा क्षेत्र में पांच विधानसभाएं आती हैं जिनमें मैनपुरी, भोगांव, किशनी, करहल और जसवंत नगर शामिल है. 2022 के विधानसभा चुनावों में जहां सपा ने तीन सीटें- करहल, किशनी और जसवंत नगर जीती थीं, वहीं भाजपा ने दो सीटों- मैनपुरी और भोगांव पर जीत हासिल की थी.
डिंपल के राजनीतिक कद का मुलायम से कोई मेल नहीं : जयवीर सिंह
मैनपुरी से भाजपा विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री जयवीर ंिसह ने कहा कि मुलायम ंिसह यादव और उनकी पुत्रवधू ंिडपल यादव के सियासी कद में जमीन आसमान का अंतर है और दावा किया कि पांच दिसंबर को सपा के गढ़ मैनपुरी सीट पर होने वाले उपचुनाव में ‘‘कमल खिलेगा’’.
समाजवादी पार्टी (सपा) ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी ंिडपल यादव को मैनपुरी संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. यह सीट पार्टी क्षत्रप मुलायम ंिसह यादव के निधन के बाद खाली हुई थी. मुलायम ंिसह यादव ने 1996 के बाद से पांच बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है, जबकि सपा के अन्य उम्मीदवारों ने भी इस सीट पर कई बार जीत हासिल की है.
मुलायम ंिसह यादव के नेतृत्व वाली सपा की तुलना वर्तमान सपा से करते हुए उन्होंने कहा कि पहले यह पार्टी जमीन पर दिखाई पड़ती थी, लेकिन अखिलेश यादव के नेतृत्व में यह वातानुकूलित कमरों से सिर्फ ट्विटर पर चलती है. उन्होंने कहा कि वह शिवपाल ंिसह यादव को सपा परिवार का हिस्सा मानकर देख रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) अध्यक्ष शिवपाल यादव को अपना राजनीतिक भविष्य बचाना है तो उन्हें सपा की हार सुनिश्चित करनी होगी.
मैनपुरी संसदीय उप चुनाव में शिवपाल यादव की भूमिका पर राजनीतिक विशेषज्ञों की पैनी नजर है. शिवपाल यादव ने कहा है कि वह मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव पर अगले दो-तीन दिनों में निर्णय करेंगे. जयवीर ंिसह ने ‘पीटीआई’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘यदि शिवपाल यादव को अपना राजनीतिक भविष्य बचाना है, तो उन्हें सपा की हार सुनिश्चित करनी होगी, अन्यथा उनका राजनीतिक रूप से अस्तित्व समाप्त हो जाएगा.’’
ंिसह ने कहा, ‘‘ंिडपल राजनीतिक कद के लिहाज से मुलायम ंिसह के आसपास कहीं नहीं ठहरतीं. उनके बीच जमीन- आसमान का अंतर है.’’ उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर ंिसह ने कहा, ‘‘मुलायम ंिसह के नेतृत्व में सपा जमीन पर दिखाई पड़ती थी, जबकि वर्तमान में (अखिलेश यादव के नेतृत्व में) यह एसी कमरों से ट्विटर पर चलती है.’ यह पूछे जाने पर कि भाजपा से मैनपुरी में सपा उम्मीदवार को कौन चुनौती देगा, उन्होंने किसी का नाम लेने से इनकार किया और कहा, ‘‘कमल का निशान (भाजपा का चुनाव चिन्ह) वहां चुनाव लड़ेगा और उप चुनाव जीतेगा. आजमगढ़ और रामपुर के बाद मैनपुरी में कमल खिलेगा और यह 2024 लोकसभा के लिए आधार तैयार करेगा.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या ंिडपल अपने ससुर (मुलायम ंिसह यादव) के निधन के बाद उपचुनावों में सहानुभूति वोट हासिल करेंगी, ंिसह ने नकारात्मक जवाब दिया. ंिसह अतीत में मुलायम ंिसह यादव की सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘धर्म और जाति से ऊपर उठकर लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति उनकी नीतियों और योजनाओं को लेकर आर्किषत हो रहे हैं और वे सभी बाधाओं को तोड़कर भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे.’’ मंत्री ने दावा किया कि भले ही सपा के नेता यादव परिवार में एकता की तस्वीर दिखा रहे हैं, परिवार में खींचतान जारी है. उन्होंने दावा किया, ‘‘धर्मेंद्र यादव मैनपुरी से टिकट मांग रहे थे तो शिवपाल यादव टिकट के लिए दबाव बना रहे थे. वहीं तेज प्रताप यादव भी यह उप चुनाव लड़ना चाहते थे.
ंिडपल यादव को टिकट देने के पीछे यह बात सुनिश्चित करना है कि परिवार में कोई विवाद ना हो. लेकिन परिवार में खींचतान जारी है.’’ जयवीर ंिसह ने कहा, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मुलायम ंिसह यादव की जीत का अंतर लाखों में था, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत का अंतर हजारों में आ गया जबकि भाजपा से कोई दिग्गज नेता चुनाव प्रचार के लिए मैनपुरी नहीं आया था.
पीएसपीएल प्रमुख के सवाल पर भाजपा नेता ने आगे कहा, \”अगर वह (शिवपाल) हमारे साथ आते हैं, तो हमारी जीत का अंतर निश्चित रूप से बड़ा होगा, और अगर हमारे पक्ष में नहीं आए तो भी हम जीतेंगे.\” शिवपाल का जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है. यह पूछे जाने पर कि क्या अपर्णा यादव को उपचुनाव के लिए भाजपा का टिकट दिया जाएगा, उत्तर प्रदेश के मंत्री ने कहा कि यह पार्टी द्वारा तय किया जाएगा.