विदेशी नहीं, घरेलू निवेशक तय करेंगे भारत का भविष्य : पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत का आर्थिक भविष्य विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के बजाय घरेलू निवेशकों के योगदान से तय होगा। उन्होंने इंडस्ट्री से अपील की कि वे छोटे निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और बाजार में अनावश्यक उतार-चढ़ाव को कम करने पर ध्यान दें।

मुंबई में आयोजित एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) समिट में गोयल ने बताया कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (AUM) वर्तमान में 70 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई हैं, और जल्द ही यह 100 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर सकती है। उन्होंने इसे भारतीय शेयर बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव बताया, जिससे घरेलू निवेशकों का प्रभाव और अधिक बढ़ेगा।

घरेलू निवेशकों की बाजार को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका

गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा दिया है और देशभर में निवेशकों तक नए वित्तीय विचारों को पहुंचाया है। उन्होंने यह भी सराहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, जब विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से पैसा निकाला, तब घरेलू निवेशकों ने बाजार को स्थिर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) जैसे निवेश विकल्पों की सफलता की भी प्रशंसा की, जो खुदरा निवेशकों के लिए बाजार में बने रहने का एक सुरक्षित तरीका साबित हुआ है। हालांकि, उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि निवेशकों को अचानक बाजार में गिरावट या उतार-चढ़ाव के प्रभाव से बचाने के लिए अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत है।

केंद्रीय मंत्री ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री से आग्रह किया कि वे छोटे और नए निवेशकों को बाजार की वास्तविकताओं के बारे में सही जानकारी दें। उन्होंने कहा कि बाजार में अनिश्चितता और गलत सूचनाएं कई बार निवेशकों को भ्रमित कर सकती हैं, इसलिए म्यूचुअल फंड कंपनियों को जिम्मेदारीपूर्वक निवेशकों का मार्गदर्शन करना चाहिए।

गोयल ने आगे कहा कि सरकार के बढ़ते वित्तीय खर्च और निजी कंपनियों के निवेश से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की यह पहल अगले 22 वर्षों तक भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने में सहायक होगी।

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