विदेश सचिव विक्रम मिश्री 26 और 27 जनवरी को चीन के दौरे पर रहेंगे। वे चीन के उपविदेश मंत्री के साथ बैठक करेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह जानकारी एक मीडिया ब्रीफिंग में दी। जायसवाल ने बताया कि इस बैठक में भारत और चीन के बीच आपसी हित से जुड़े सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। यह वार्ता पहले से चल रही बैठकों का हिस्सा है जिसमें विशेष प्रतिनिधियों और विदेश मंत्रियों के बीच चर्चा भी शामिल है।
इस दौरान कैलाश मानसरोवर यात्रा समेत अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश सचिव-उपमंत्री का तंत्र राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग के क्षेत्रों को आगे बढ़ाने और आपसी चिंताओं का समाधान करने के लिए बनाया गया है।
हाल के वर्षों में दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव को कम करने के लिए अहम कदम उठाए हैं। अक्टूबर 2024 में, भारत और चीन ने देपसांग मैदानी और डेमचोक क्षेत्रों में गश्ती व्यवस्थाओं पर सहमति बनाई थी। इससे पहले लद्दाख के अन्य क्षेत्रों में सैनिकों को पीछे हटाने के प्रयास सफल रहे थे जो कूटनीतिक और सैन्य बातचीत के जरिए संभव हुए।
अक्टूबर 2024 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सीमा विवादों को सुलझाने और शांति बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया था। इसी तरह, दिसंबर 2024 में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बातचीत में भी आपसी चिंताओं पर चर्चा की गई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन वार्ताओं से यह साफ होता है कि दोनों देश आपसी संबंधों को बेहतर बनाने और मतभेदों को संभालने के लिए प्रतिबद्ध हैं