सरकारी मशीनरी जी20 के ‘इवेंट मैनेजमेंट’ में व्यस्त, महंगाई की चिंता कहां है: कांग्रेस
नयी दिल्ली. कांग्रेस ने खुदरा मुद्रास्फीति में उछाल को लेकर सोमवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि जब देश में महंगाई बढ. रही है, प्रगति धीमी है और लोगों की आय नहीं बढ. रही है, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजनीतिक विरोधियों को बदनाम करने में लगे हुए हैं. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि मोदी सरकार की पूरी मशीनरी जी20 के ‘इवेंट मैनेजमेंट’ में ऐसे व्यस्त हो गई है कि उसे महंगाई की चिंता कहां है.
सब्जियों तथा अन्य खाने का सामान महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में उछलकर 15 महीने के उच्च स्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गयी. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस वर्ष जून में 4.87 प्रतिशत, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 6.71 प्रतिशत थी.
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”मोदी सरकार की पूरी मशीनरी जी20 के इवेंट मैनेजमेंट में व्यस्त हो गई है तो जुलाई, 2023 में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति दर में भारी उछाल की उसे चिंता कहां हैं.” उन्होंने आरोप लगाया, ”विकास की गति तेज नहीं है, आय नहीं बढ. रही है और फिर भी सब्ज.यिों, दालों, दूध और मसालों सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ. रही हैं, लेकिन प्रधानमंत्री हमेशा की तरह अपने राजनीतिक विरोधियों को गाली देने, गलत बयानी करने और बदनाम करने में व्यस्त हैं.”
आधारभूत अवसंरचना की परियोजनाओं में ‘भ्रष्टाचार’ देश को तबाही की ओर ले जा रहा है: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार के शासनकाल में आधारभूत अवसंरचना की परियोजनाओं में ‘भ्रष्टाचार और लूट’ देश को तबाही की ओर ले जा रहा है. उन्होंने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षा की ‘द्वारका एक्प्रेसवे’ से संबंधित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार पर निशाना साधा.
खरगे ने ‘एक्स’ (पूर्व नाम ट्विटर) पर पोस्ट किया, ”भाजपा का भ्रष्टाचार और लूट देश को तबाही की ओर ले जा रहा है! मोदी सरकार के खिलाफ एक रिपोर्ट में कैग ने बताया है कि भारतमाला परियोजना में अनगिनत कमियां हैं, मापदंडों की अनुपालना नहीं हुई है, निविदा बोली प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लंघन हुआ है, एवं धन का भारी कुप्रबंधन है.
उन्होंने दावा किया, ”इस परियोजना में धोखाधड़ी का एक ज्वलंत उदाहरण द्वारका एक्सप्रेसवे है. कैग ने खुलासा किया है कि इस परियोजना की लागत मूल रूप से 528.8 करोड़ रुपये अनुमानित की गई थी, लेकिन बाद में बढ़कर 7287.2 करोड़ रुपये हो गई – 1278 प्रतिशत की भारी वृद्धि !!” खरगे ने आरोप लगाया कि बिना किसी विस्तृत रिपोर्ट के द्वारका एक्सप्रेसवे का मूल्यांकन और अनुमोदन किया गया.
उन्होंने कहा, ”नियोजित टोल दरें परियोजना की पूंजीगत लागत की वसूली में बाधा बनेंगी और इसके परिणामस्वरूप यात्रियों पर अनुचित वित्तीय बोझ पड़ेगा.” खरगे ने कहा, ”प्रधानमंत्री जी, अपने विरोधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का राग अलापने से पहले आपको अपने अंदर झांकने की जरूरत है, क्योंकि आपकी देखरेख में यह सब हो रहा है !! 2024 में, ‘इंडिया’ आपकी सरकार को जवाबदेह बनाएगा.”