स्वतंत्रता दिवस पर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी शुभकामनाएं
रायपुर. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों सहित पूरे देशवासियों, सेना के जवानों और स्वतंत्रता सेनानियों को शुभकामनाएं दी हैं.
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने अपने संदेश में कहा कि 15 अगस्त को भारत गौरवशाली आजादी के 77 वर्ष पूरा कर रहा है. हमारी आजादी की लड़ाई लंबी और कठिन थी और इसमें असंख्य बहादुर लोगों ने अपना बलिदान दिया.
उन समस्त महापुरूषों और बलिदानियों को नमन करते हैं. महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस और अनेक सेनानियों ने अपने-अपने तरीकों से भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हमें उन असंख्य सेनानियों के बलिदान को नहीं भूलना चाहिए. इस आजादी को कायम रखने के लिए हमारी सेना के वीर जवानों और पुलिस कर्मियों ने भी अपनी शहादत दी है. उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
राज्यपाल ने कहा कि भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने और यहां के लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरव शाली इतिहास को याद करने और जश्न मनाने के लिए हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. यह महोत्सव असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों को हमारी श्रद्धांजलि है. हम सभी आजादी के इस पावन पर्व पर देश को विघटनकारी और असामाजिक तत्वोें से मुक्ति दिलाने का संकल्प लें.
राज्यपाल हरिचंदन ने युवा पीढ़ी से भी आहवान किया कि भारत की एकता और अखण्डता को मजबूत करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभायें.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि पुरखों के कठिन संघर्ष, त्याग और बलिदान से हमें आजादी मिली है. आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले उन सभी अनाम योद्धाओं, शहीदों और वीर जवानों को नमन है, जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया. उनकी बदौलत हम आजाद वातावरण में सांस ले पा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि आजादी के वास्तविक मायने और मूल्यों को समझने के लिए हमें इतिहास का संजीदगी से पुनरावलोकन करना होगा. हमारे पूर्वजों के कठिन परिश्रम और दूरदृष्टि का परिणाम है कि अनेक चुनौतियों के बावजूद भारत आज पूरे विश्व में सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अपनी पहचान बना चुका है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पुरखों ने आजादी के बाद जिस लोकतंत्रात्मक गणराज्य का सपना देखा था, उसे पूरा करना हम सब की जिम्मेदारी है. इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. राज्य सरकार की प्राथमिकता समाज के सबसे कमजोर वर्ग का सशक्तिकरण, बुनियादी मजबूती, गांवों का आर्थिक सुदृढ़ीकरण, हर व्यक्ति तक मूलभूत सुविधाओं की पहुंच और विकास के साथ अपनी पुरातन सभ्यता-संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन है. इसके लिए गांधीवादी सोच के साथ सुराजी गांव योजना, ’राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘, गोधन न्याय योजना, गौ-मूत्र खरीदी, भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना जैसी कई लोक हितैषी योजनाएं शुरू की गई हैं. बुनियादी स्तर पर गांवों को मजबूत करने के लिए किसानों और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की पहल की गई है.
राज्य सरकार ने बीते पौने पांच सालों में छत्तीसगढ़ के विकास को एक नई ऊंचाई दी है. जनता से किए वायदे को एक-एक कर पूरा किया है. किसानों की कर्जमाफी, 2500 क्विंटल में धान खरीदी, बिजली बिल हाफ, शिक्षा कर्मियों का नियमितिकरण, महिला समूहों की ऋण माफी, चिटफंड कम्पनियों से निवेशकों का पैसा वापसी, पुरानी पेंशन योजना लागू करने जैसे कई महत्वपूर्ण फैसले राज्य सरकार ने लिए हैं. आदिवासियों को वनाधिकार पट्टा और वनोपज का वाजिब दाम दिलाकर उन्हें सक्षम बनाया है. परंपरागत तीज-त्यौहारों के साथ लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन से छत्तीसगढ़ियों में नया आत्मविश्वास आया है. पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना और माटी पूजन दिवस की शुरूआत की गई है. पोषण और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी लगातार काम कर प्रदेश ने उपलब्धियां हासिल की हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की जनहितैषी नीतियों और निर्णयों से गरिमा, न्याय, विश्वास और बराबरी का नया वातावरण छत्तीसगढ़ में बना है. इसे आगे ले जाने की जिम्मेदारी हम सबकी है. उम्मीद है कि ‘‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘‘ के संकल्प को पूरा करने में सब परस्पर सहयोग से आगे बढ़ेंगे.