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महाकुंभ में 15 देशों, 20 राज्यों के बिछड़ों को यूपी के जवानों ने अपनों से मिलवाया

महाकुंभ में उमड़े आस्था के महासमुद्र के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस, पीएसी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अग्निशमन के जवानों ने ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की अद्वितीय मिसाल पेश की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संचालित विशेष अभियान के तहत जवानों ने 15 देशों और 20 से अधिक राज्यों के बिछड़े श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से मिलाया। 

ड्यूटी पर तैनात जवानों ने कीमती सामान खोने वालों को लौटाए

ड्यूटी पर तैनात जवानों ने न केवल लाखों रुपए की नकदी, आईफोन, गहने और अन्य कीमती सामान खोने वालों को लौटाए, बल्कि बीमारों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया और प्राथमिक चिकित्सा भी उपलब्ध कराई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की खाकी ने बड़ी संख्या में बुजुर्गों को संगम में स्नान करने में मदद भी की। बीमारों को सीपीआर से लेकर प्राथमिक उपचार तक दिया गया। इसके परिणामस्वरूप योगी सरकार की कार्यकुशलता की गूंज रूस, अमेरिका और जर्मनी समेत तमाम देशों तक पहुंच गई।

भूले-भटके लोगों को मिलाने की मिसाल पेश की 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भूले-भटके लोगों को मिलाने की मेले में बड़ी मिसाल पेश की गई है। प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक पीएसी पूर्वी जोन डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि हमारे जवानों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए महाकुंभ में श्रद्धालुओं की मदद की। मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए कार्यरत उत्तर प्रदेश के जवानों की ईमानदारी और सेवाभाव की चर्चा अब सात समंदर पार तक पहुंच गई है। विदेशी श्रद्धालु भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यकुशलता की सराहना कर रहे हैं।

बीमार को तत्काल एम्बुलेंस बुलाकर हॉस्पिटल में एडमिट कराया

17 फरवरी को मेले में जयपुर के पुष्पेन्द्र सिंह शेखावत अपनी पत्नी, दिनेश राठौर के साथ पहुंचे। उनका पर्स, जिसमें दो आईफोन, 69 हजार रुपए नकद, सोने की चेन, दो अंगूठियां और एटीएम कार्ड थे, खो गया। ड्यूटी चेकिंग के दौरान 42वीं वाहिनी पीएसी नैनी प्रयागराज के शिविरपाल अरविंद कुमार सिंह ने अरैल घाट से इसे खोजा। फिर पर्स में मिले मोबाइल से श्रद्धालु से संपर्क किया और उन्हें बुलाकर पर्स सौंप दिया। राजकुमारी यादव निवासी भानसोच, आरंग, रायपुर छत्तीसगढ़ की अचानक तबीयत बिगड़ी, जिन्हें 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा डी दल के आरक्षी प्रशांत कुमार और रवेन्द्र सिंह ने तत्काल एम्बुलेंस बुलाकर हॉस्पिटल में एडमिट कराया।

साथियों से बिछड़े श्रद्धालुओं को मिलाया 

29 जनवरी को रूस की रीता अपने साथियों के साथ संगम स्नान के लिए जा रही थी। रात के समय वह अपने साथियों से बिछड़कर भटक गई और पाल बस्ती मवैया में पहुंच गई, तभी ड्यूटी पर मौजूद 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी ई दल के आरक्षी अमरदीप ने उनके साथियों से मिलाया। 15 जनवरी को जर्मनी से आए विदेशी श्रद्धालु रास्ता भटक गए। उन्हें नवाबगंज जाना था। ड्यूटी पर उपस्थित 28वीं वाहिनी पीएसी इटावा एच दल के आरक्षी राजू सिंह ने उन्हें नवाबगंज पहुंचाने में मदद की। 15 जनवरी को बेंगलुरु से आई महिला श्रद्धालु शोभा को चोट लगने पर 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी एफ दल के आरक्षी सुरजीत यादव ने एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया। उन्हें प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई गई।

24 जनवरी को संगम मार्ग पर विवेक भारती को कार चलाते समय मिर्गी का दौरा पड़ा। ड्यूटी पर तैनात 47वीं वाहिनी पीएसी गाजियाबाद जी दल के आरक्षी गुरदीप और कपिल कुमार उन्हें अस्पताल ले गए और उपचार कराया। उनके घर वालों को सूचना दी और ठीक होने पर कार के साथ घर भेजा।(इनपुट-आईएएनएस)

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