पुरी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के सर्वांगीण विकास के लिए ‘जल के देवता’ (वरुण) से आशीर्वाद मांगते हुए बुधवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारतीय नौसेना देश की समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करती रहेगी. देश की रक्षा सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर मुर्मू ने ओडिशा के पुरी में ‘ब्लू फ्लैग बीच’ पर नौसेना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही.
राष्ट्रपति ने कहा, ”मुझे विश्वास है कि भारतीय नौसेना 2047 तक विकसित भारत के लिए आवश्यक समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करना जारी रखेगी.” उन्होंने कहा कि भारत में 63पोतों का निर्माण किया जा रहा है और 2047 तक ‘आत्मनिर्भर’ बल बनने पर नौसेना का ध्यान हम सभी को ‘मिशन मोड’ में नवाचार को आगे बढ.ाने की प्रेरणा देता है. राष्ट्रपति ने महिलाओं को सशक्त बनाने में नौसेना के प्रयासों की सराहना की और 1971 के युद्ध में भारत की जीत में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया.
उन्होंने नौसेना के विकास और क्षमताओं की भी सराहना की और कहा कि भारत का समुद्री इतिहास 5,000 साल से भी ज्यादा पुराना है.राष्ट्रपति ने नौसेना दिवस के अवसर पर बल के सभी कार्मिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिवस 1971 के युद्ध में भारत की शानदार जीत का जश्न तथा मातृभूमि की रक्षा में नौसेनिकों द्वारा की गई नि:स्वार्थ सेवा और सर्वोच्च बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है.
मुर्मू ने ‘नारी शक्ति’ को समुचित अवसर प्रदान करने में नौसेना के अग्रणी प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह महिला अग्निवीरों को शामिल करने वाली पहली सेवा है. राष्ट्रपति ने कहा कि दो महिला नौसेना अधिकारी – लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा इस नए प्रतिमान का सबसे श्रेष्ठ उदाहरण पेश करती हैं जो ‘नाविका सागर परिक्रमा-दो’ के हिस्से के रूप में आईएनएसवी तारिणी से दुनिया की परिक्रमा कर रही हैं. मुर्मू नौसेना दिवस समारोह में हजारों दर्शकों के बीच मौजूद थीं, जहां भारतीय नौसेना ने अपनी समुद्री क्षमताओं, वायु शक्ति और अभियानगत उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया.