भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप 2025 तक होगी तैयार : अश्विनी वैष्णव

भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप 2025 तक उत्पादन के लिए तैयार हो जाएगी। उन्होंने इस बड़ी उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को बधाई दी।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में दो बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण केंद्र एक भोपाल में और दूसरा जबलपुर में विकसित किए जा रहे हैं।

तकनीकी क्षेत्र में युवाओं को अवसर देने के लिए केंद्र सरकार ने फ्यूचर स्किल्स प्रोग्राम के तहत मध्यप्रदेश में 20,000 इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है। गौरतलब है कि पिछले 10 वर्षों में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में जबरदस्त उछाल आया है और इसकी कीमत ₹10 लाख करोड़ तक पहुंच गई है। भारत अब ₹5 लाख करोड़ के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का निर्यात कर रहा है, जिसमें मोबाइल फोन (₹4 लाख करोड़), लैपटॉप, सर्वर और टेलीकॉम उपकरण (₹75,000 करोड़) शामिल हैं।

भारत अब सेमीकंडक्टर निर्माण में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में, देश में पांच सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयां बन रही हैं और 2025 तक भारत की पहली स्वदेशी चिप बाजार में आ जाएगी। इस क्षेत्र में प्रतिभा को और विकसित करने के लिए सरकार 85,000 इंजीनियरों को सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में प्रशिक्षित कर रही है।

वहीं भोपाल में एक नया आईटी कैंपस खोला गया है जो 1 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है। इसमें सर्वर, डेस्कटॉप, मदरबोर्ड, लैपटॉप, टैबलेट, मॉनिटर, ड्रोन और रोबोट जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाए जाएंगे। अगले छह वर्षों में इस कैंपस में ₹150 करोड़ का निवेश होगा और लगभग 1,200 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

इस मौके पर अश्विनी वैष्णव ने एचएलबीएस (HLBS) नामक टेक्नोलॉजी कंपनी की भी सराहना की। यह कंपनी भोपाल में एक अत्याधुनिक निर्माण और अनुसंधान केंद्र स्थापित कर रही है। एचएलबीएस का लक्ष्य घरेलू और वैश्विक बाजारों के लिए किफायती और उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाना है जिससे आम लोगों को सस्ते दामों में अच्छी तकनीक मिल सके।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन, भारतीय रेलवे और मध्य प्रदेश सरकार ने अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) परियोजनाओं पर समझौते किए जिससे राज्य में विकास को और गति मिलेगी।

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