इसरो ने चंद्रयान-3 के लैंडर द्वारा ली गईं चंद्रमा की तस्वीरें जारी कीं

बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल पर लगे कैमरों द्वारा ली गईं चंद्रमा की तस्वीरें शुक्रवार को जारी कीं. प्रणोदन (प्रोपल्शन) मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल के बृहस्पतिवार को अलग होने के बाद ली गईं तस्वीरों में चंद्रमा की सतह पर गड्ढे दिखाई देते हैं जिन्हें इसरो द्वारा जारी की गईं तस्वीरों में ‘फैब्री’, ‘जियोर्डानो ब्रूनो’ और ‘हरखेबी जे’ के रूप में चिह्नित किया गया है.

देश की अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की गईं तस्वीरों में 15 अगस्त को ‘लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा’ (एलपीडीसी) द्वारा ली गईं तस्वीरें और 17 अगस्त को प्रणोदन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल के अलग होने के ठीक बाद ‘लैंडर इमेजर’ (एलआई) कैमरा-1 द्वारा ली गईं तस्वीरें शामिल हैं.

चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की कल की कवायद से पहले इसे छह, नौ, 14 और 16 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में नीचे लाने की कवायद की गई, ताकि यह चंद्र सतह के नजदीक आ सके.

इसरो ने आज चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल को चंद्रमा के करीब ले जाने वाली एक ‘डीबूस्टिंग’ प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की. लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल 20 अगस्त को दूसरी ‘डीबूस्टिंग’ (गति कम करने की प्रक्रिया) से गुजरेगा, जिसके तहत इसे एक कक्षा में नीचे लाया जाएगा जिससे यह चंद्रमा की सतह के बहुत करीब हो जाएगा. इसके बाद 23 अगस्त को चांद के दक्षिण ध्रुव पर इसकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने का प्रयास किया जाएगा और यदि इसमें सफलता मिलती है तो भारत अंतरिक्ष जगत में एक नया इतिहास लिख देगा.

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