प्रयागराज के महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार को हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने अपना काम शुरू कर दिया है। गौरतलब है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ हादसे के तुरंत बाद जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की थी। आयोग के सदस्य 10 जनपथ लखनऊ स्थित अपने कार्यालय में पहुंच गए हैं।
वहीं इस मामले में राज्यपाल की राय है कि 29 जनवरी को महाकुंभ प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दौरान मेला क्षेत्र में हुई भगदड़ की घटना के संबंध में लोकहित में जांच कराना आवश्यक है। इसलिए राज्यपाल द्वारा जांच आयोग अधिनियम द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके तीन-सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार कर रहे हैं। उनके साथ सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वी.के. गुप्ता तथा सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डी.के. सिंह बतौर सदस्य शामिल हैं।
आयोग को अपनी जांच रिपोर्ट एक माह के भीतर राज्य सरकार को सौंपनी होगी, हालांकि आवश्यकतानुसार इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है। आयोग को निम्नलिखित बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी – उन कारणों एवं परिस्थितियों का पता लगाना जिसके कारण उक्त घटना घटित हुई। भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के संबंध में सुझाव देना।
उल्लेखनीय है कि मौनी अमावस्या पर्व पर महाकुंभ में मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया। इससे पहले सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो संदेश जारी कर कहा कि महाकुंभ, प्रयागराज में हुई घटना अत्यंत दुखद है, मर्माहत करने वाली है। मृतकों को विनम्र श्रद्धांजलि व मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। -आईएएनएस