मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं : केजरीवाल
नयी दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार ने ‘भ्रष्टाचार के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.’ उन्होंने यह आरोप भारत के नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के बाद लगाया जिसमें कथित तौर पर द्वारका एक्सप्रेस वे निर्माण पर ‘बहुत अधिक व्यय’ की बात की गई है.
हालांकि, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि ”तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है.” मीडिया में आई खबरों के मुताबिक ‘भारतमाला परियोजना’ नामक राजमार्ग योजना के पहले चरण को लेकर तैयार कैग की रिपोर्ट में इंगित किया गया है कि कैसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा हरियाणा में द्वारका एक्सप्रेस-वे के एक हिस्से को ऊपरगामी पुल के रूप में बनाने के फैसले से लागत 18.2 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर से बढ.कर 251 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर हो गई.
केजरीवाल ने मीडिया में कैग रिपोर्ट को लेकर छपी खबर का स्क्रीनशॉट माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए आरोप लगाया, ”मोदी सरकार ने पिछले 75 साल के भ्रष्टाचार के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.” दिल्ली स्थित आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राज्यसभा सदस्य एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने भी मीडिया रिपोर्ट को लेकर मोदी पर निशाना साधा और कहा कि आजादी के बाद से उनकी सरकार ‘सबसे भ्रष्ट’ है.
उन्होंने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ”नरेन्द्र मोदी सरकार ने 250 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की दर से सड़क (द्वारका एक्सप्रेस-वे) का निर्माण किया जबकि इसका निर्माण 18 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की दर से किया जाना था.” सिंह ने कहा कि ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत 15 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की दर से 75 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाना है.
उन्होंने कहा, ”लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ने लागत बढ.ाकर 25 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर कर दी है.” सिंह ने आरोप लगाया, ”इस सरकार ने भारतमाला योजना में 7.5 लाख करोड़ रुपये का घोटाला किया है.” उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि वह देश से भ्रष्टाचार खत्म करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में बात करना बंद करें.
‘आप’ सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि इस परियोजना का ‘सबसे अधिक लाभ’ उद्योगपति गौतम अडाणी को हुआ है जिनकी कंपनी ‘भारतमाला योजना’ के तहत केरल, छत्तीसगढ., तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात सहित विभिन्न राज्यों में सड़क निर्माण में संलग्न है.
आरोप का खंडन करते हुए मंत्रालय ने कहा कि प्रति किलोमीटर लागत की तथ्यात्मक स्थिति यह है कि ‘भारतमाला परियोजना’ की मंजूरी में परियोजना-वार लागत को मंजूरी नहीं दी गई थी. मंत्रालय ने बयान में कहा, ”यह केवल कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करता है. ऐसे में लागत को 18.2 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर से बढ.ाकर 250 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर बताना तथ्यों को लेकर घोर गलतबयानी है.” बयान में कहा गया कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की मंजूरी के के समय ‘भारतमाला परियोजना’ के लिए ‘मानक कीमत’ 18.2 करोड़ रुपये (प्रति किलोमीटर) मानकर विचार किया गया.
मंत्रालय ने कहा, ”भारतमाला परियोजना के तहत निर्माण पर खर्च डिजाइन, ढलान और क्षेत्र और भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करता है.” मंत्रालय ने कहा, ”भारतमाला परियोजना’ के तहत, विशेष परियोजना जिनमें पुलों/सुरंगों’ की पर्याप्त लंबाई वाले सड़कों का निर्माण किया गया उनकी औसत लागत 152 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर है.” मंत्रालय ने कहा कि निर्माण लागत परियोजना की प्रकृति के आधार पर भिन्न होती है.
आप नेता सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में यह भी आरोप लगाया कि केंद्र की आयुष्मान भारत योजना और वृद्धा पेंशन योजना के क्रियान्वयन में भी अनियमितताएं हुईं. उन्होंने आरोप लगाया, ”यह साफ दिख रहा है कि भारतमाला परियोजना के तहत सड़क निर्माण की लागत बढ.ी है, आयुष्मान योजना के तहत मरे हुए लोगों का भी इलाज किया जा रहा है, 10 लाख लोगों का आयुष्मान भारत कार्ड केवल तीन फोन नंबर के आधार पर बनाया गया.”
आधारभूत अवसरंचनाओं की परियोजनाओं में ‘भ्रष्टाचार’ हुआ, प्रधानमंत्री जवाब दें: कांग्रेस
कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने आधारभूत अवसंरचना की परियोजनाओं में ‘घोर भ्रष्टाचार’ और सरकार की ‘अक्षमता’ को उजागर किया है. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस पर जवाब देना चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कैग की ‘द्वारका एक्प्रेसवे’ से संबंधित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार पर निशाना साधा.
खरगे ने ‘एक्स’ (पूर्व नाम ट्विटर) पर पोस्ट किया, ”भाजपा का भ्रष्टाचार और लूट देश को तबाही की ओर ले जा रहा है! मोदी सरकार के खिलाफ एक रिपोर्ट में कैग ने बताया है कि भारतमाला परियोजना में अनगिनत कमियां हैं, मापदंडों की अनुपालना नहीं हुई है, निविदा बोली प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लंघन हुआ है, एवं धन का भारी कुप्रबंधन है.
उन्होंने दावा किया, ”इस परियोजना में धोखाधड़ी का एक ज्वलंत उदाहरण द्वारका एक्सप्रेसवे है. कैग ने खुलासा किया है कि इस परियोजना की लागत मूल रूप से 528.8 करोड़ रुपये अनुमानित की गई थी, लेकिन बाद में बढ़कर 7287.2 करोड़ रुपये हो गई – 1278 प्रतिशत की भारी वृद्धि !!” खरगे ने आरोप लगाया कि बिना किसी विस्तृत रिपोर्ट के द्वारका एक्सप्रेसवे का मूल्यांकन और अनुमोदन किया गया.
उन्होंने कहा, ”नियोजित टोल दरें परियोजना की पूंजीगत लागत की वसूली में बाधा बनेंगी और इसके परिणामस्वरूप यात्रियों पर अनुचित आर्थिक बोझ पड़ेगा.” खरगे ने कहा, ”प्रधानमंत्री जी, अपने विरोधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का राग अलापने से पहले आपको अपने अंदर झांकने की जरूरत है, क्योंकि आपकी देखरेख में यह सब हो रहा है !! 2024 में, ‘इंडिया’ आपकी सरकार को जवाबदेह बनाएगा.” कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में दावा किया, ”कल आख.रिी बार लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री झूठ की बौछार करेंगे. पिछले हफ़्ते पूरे देश ने संसद में उनके झूठ की सुनामी देखी थी. कल उसका और विकराल रूप दिख सकता है. लेकिन क्या उनमें अपनी सरकार और अपने मंत्रियों के भ्रष्टाचार और अक्षमता पर सवाल उठाने का साहस होगा?”
उन्होंने कहा, ”पिछले हफ़्ते, जब मोदी सरकार अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपनी कई विफलताओं से ध्यान भटकाने, उन्हें नकारने और तथ्यों को तोड़ मरोड़ का पेश करने में व्यस्त थी, तभी कैग ने संसद में रिपोर्ट्स की एक श्रृंखला पेश की थी. कैग जिसकी ख.ुद की शक्तियां सीमित कर दी गई है, वह भी मोदी सरकार के घोर भ्रष्टाचार और अक्षमता को उजागर करने में सक्षम रही.” रमेश के अनुसार, कैग ने काफ.ी ज़्यादा प्रचारित-प्रसारित भारतमाला परियोजना में कुल लागत में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि का खुलासा किया है. इस परियोजना को मंजूरी किसी और ने नहीं बल्कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने दी थी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं. इसकी निगरानी भी सीसीईए ही करती है.” उन्होंने कहा, ”हम प्रधानमंत्री से जवाब चाहते हैं, चुप्पी तोड़िए प्रधानमंत्री जी!”