नयी दिल्ली: केंद्र सरकार के 21 लाख से अधिक पेंशनभोगियों ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) सुविधा का उपयोग किया है। केंद्र ने बुधवार को यह जानकारी दी। बायोमेट्रिक-सक्षम डिजिटल सेवा केंद्र या राज्य सरकारों या किसी अन्य सरकारी संगठन के पेंशनभोगियों को उनकी पेंशन की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए हर नवंबर में अपना भौतिक जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की आवश्यकता को मुक्त करती है।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत आने वाले पेंशन व पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिये डीएलसी को बढ़ावा देने के वास्ते राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था। डीओपीपीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि सभी पंजीकृत पेंशनभोगी संघों, पेंशन वितरण करने वाले बैंकों, केंद्रीय मंत्रालयों और केंद्र सरकार के स्वास्थ्य योजना केंद्रों को विशेष शिविर लगाकर डीएलसी को बढ़ावा देने का निर्देश दिया गया है।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र ंिसह द्वारा ‘फेस आॅथेंटिकेशन’ तकनीक का आरंभ किया गया था। विभाग ने कहा कि 15 नवंबर तक 21.01 लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों ने डीएलसी का सफलतापूर्वक उपयोग किया, जिसमें 1.83 लाख डीएलसी फेस आॅथेंटिकेशन के माध्यम से बनाए गए थे।