आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत अब तक 73.90 करोड़ से अधिक ‘आभा’ आईडी

केंद्र सरकार के आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत अब तक 73.90 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

कुल 73,90,93,095 ‘आभा’ आईडी जारी
3 फरवरी 2025 तक, सरकार ने कुल 73,90,93,095 ‘आभा’ आईडी जारी कर दी हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में लिखित जवाब में दी। आभा नंबर से आपका स्वास्थ्य रिकॉर्ड आसानी से एक डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर तक पहुंच सकता है। इससे आपकी देखभाल लगातार होती रहेगी और स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहतर होंगी।

डिजिटल स्वास्थ्य खाता से देशभर में रहने वाले लोग जुड़ सकते हैं
इसके अलावा, यह एक तरह का डिजिटल स्वास्थ्य खाता है जिससे देशभर में रहने वाले लोग जुड़ सकते हैं। जब भी जरूरत हो, आभा कार्ड के जरिए ऑनलाइन अपनी सभी मेडिकल जरूरतों और इलाज की जानकारी पाई जा सकती है। सरकार इस योजना की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। इसमें मीडिया प्रचार, सूचना एवं शिक्षा गतिविधियां (आईईसी), और जागरूकता अभियान शामिल हैं।

कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं को 2021-2026 तक बढ़ाने का निर्णय
केंद्रीय राज्य मंत्री जाधव ने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं को 2021-2026 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इनका लक्ष्य है: मातृ मृत्यु दर को घटाकर 87 प्रति लाख करना। शिशु मृत्यु दर को 22 प्रति हजार तक लाना। कुल प्रजनन दर को 2.0 पर बनाए रखना। देशभर में 1.5 लाख ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ स्थापित करना। एक वर्ष तक के सभी बच्चों का 90% से अधिक पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करना। इसके अलावा, मलेरिया, डेंगू, लिम्फेटिक फाइलेरिया, काला अजार जैसी बीमारियों के खिलाफ भी कार्यक्रम जारी रहेंगे।

बता दें कि एबीडीएम की शुरुआत 2021 में हुई थी, जिसका उद्देश्य देश में एक डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली तैयार करना है। इसके लिए हर नागरिक का आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) नंबर बनाया जाता है। यह 14 अंकों की एक विशेष पहचान संख्या होती है, जिसे पहले हेल्थ आईडी कहा जाता था।

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