प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस को भारत के जीवंत लोकतंत्र का उत्सव बताते हुए देशवासियों से मतदान के प्रति जागरूक और सक्रिय रहने का आह्वान किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लोकतंत्र में हर नागरिक की भागीदारी और मतदान के अधिकार के महत्व पर जोर देते हुए कहा “राष्ट्रीय मतदाता दिवस हमारे जीवंत लोकतंत्र का उत्सव है। यह हर नागरिक को मतदान का अधिकार उपयोग करने और राष्ट्र के भविष्य को आकार देने की शक्ति देता है। मैं चुनाव आयोग के उत्कृष्ट प्रयासों की सराहना करता हूं।”
गौरतलब है कि हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस, 1950 में स्थापित चुनाव आयोग के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर 1951-52 के पहले आम चुनावों को याद करते हुए बताया कि उस समय भारत के लोकतंत्र को लेकर कई संदेह व्यक्त किए गए थे। उन्होंने कहा, “कुछ लोग शंका कर रहे थे कि भारत का लोकतंत्र टिक पाएगा या नहीं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का लोकतंत्र इन शंकाओं को गलत साबित करते हुए मजबूत बना है। उन्होंने कहा, “भारत लोकतंत्र की जननी है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया में तकनीक के उपयोग की सराहना की। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ने तकनीक का उपयोग कर लोगों की शक्ति को मजबूत किया है। उनकी यह प्रतिबद्धता प्रशंसा के योग्य है।” इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अधिक संख्या में मतदान करने और लोकतंत्र को मजबूत बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, “मैं देशवासियों से अनुरोध करता हूं कि वे बड़ी संख्या में मतदान करें और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भाग लें।” यह संदेश उनके हाल ही “मन की बात” रेडियो कार्यक्रम में भी शामिल था।
2011 से हर साल मनाए जा रहे राष्ट्रीय मतदाता दिवस का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से नए मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दिन का लक्ष्य मतदान के प्रति जागरूकता फैलाना और अधिक से अधिक नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना है। यह दिवस मतदाताओं को उनकी भूमिका और जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए देश के भविष्य को आकार देने की दिशा में प्रेरित करता है।