प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार को वीर सावरकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और भारत की आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र उनके अमूल्य योगदान को कभी नहीं भूल सकता जो त्याग, साहस और संघर्ष से भरा हुआ था।
वीर सावरकर, जिनका पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के भागुर में हुआ था। वे केवल स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि लेखक, वकील और राजनेता भी थे। वे भारत की स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे और हिंदू महासभा के प्रमुख नेताओं में से एक थे। सावरकर ने अपनी छात्रावस्था के दौरान ही स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेना शुरू कर दिया था। बाद में, जब वे ब्रिटेन में कानून की पढ़ाई कर रहे थे तब इंडिया हाउस और फ्री इंडिया सोसाइटी जैसे क्रांतिकारी संगठनों से जुड़ गए। उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं जिनमें भारत की पूर्ण स्वतंत्रता की वकालत की गई थी। उनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक हिंदुत्व : हू इज अ हिंदू? मानी जाती है।
1911 में, ब्रिटिश सरकार के मॉर्ले-मिंटो सुधार (Indian Councils Act 1909) का विरोध करने के कारण उन्हें अंडमान और निकोबार द्वीप स्थित कुख्यात सेलुलर जेल (काला पानी) में 50 साल की सजा सुनाई गई। उनकी राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया लेकिन उनकी विचारधारा और लेखन भारत के राष्ट्रवादी आंदोलन को प्रभावित करते रहे।