प्रधानमंत्री-विज्ञान,प्रौद्योगिकी और नवाचार परिषद (PM-STIAC) की 27वीं बैठक आज मंगलवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में सम्पन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत में सेल और जीन थेरेपी (CGT) को बढ़ावा देना था।
सेल और जीन थेरेपी एक आधुनिक चिकित्सा तकनीक है, जो जेनेटिक बीमारियों, कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के इलाज में मदद करती है। प्रो. सूद ने बताया कि भारत में लगभग 7 करोड़ लोग दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित हैं जिनमें से 80% बीमारियां जेनेटिक हैं। उन्होंने कहा कि सेल और जीन थेरेपी इन बीमारियों के इलाज में प्रभावी साबित हो सकती है। इसके लिए सरकार, वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और उद्योगों को मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि यह इलाज सभी के लिए सुलभ और किफायती हो सके।
वहीं नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि भारत को इस क्षेत्र में तेजी से प्रगति करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सेल और जीन थेरेपी पारंपरिक इलाज के मुकाबले बेहतर परिणाम देती है। डॉ. पॉल ने उद्योग, शिक्षण संस्थानों और सरकार के बीच सहयोग को जरूरी बताया ताकि ये थेरेपी सस्ती और व्यापक रूप से उपलब्ध हो सके।
बैठक में विशेषज्ञों ने सेल और जीन थेरेपी के क्षेत्र में भारत की प्रगति के बारे में जानकारी दी। आईआईटी बॉम्बे के डॉ. राहुल पुरवार और बेंगलुरु के सेंट जॉन्स अस्पताल के डॉ. आलोक श्रीवास्तव ने भारत की पहली सीएआर-टी सेल थेरेपी और हीमोफीलिया के इलाज के लिए जीन थेरेपी पर अपने काम को साझा किया। इम्यूनल थेराप्यूटिक्स और लॉरस लैब्स जैसे उद्योगों ने अपनी उपलब्धियां और योजनाएं प्रस्तुत कीं। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि इन थेरेपी को सभी तक पहुंचाने के लिए क्या कदम उठाए जाएं। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि सरकारी अस्पतालों में विशेष क्लीनिक खोले जाएं और एक राष्ट्रीय मिशन बनाया जाए जो इस क्षेत्र में प्रगति को तेज करे।
भारत के शीर्ष दवा नियामक, डॉ. राजीव रघुवंशी ने बताया कि सेल और जीन थेरेपी के लिए मौजूदा नियम क्या हैं और इनको सरल बनाने के लिए क्या बदलाव किए जा रहे हैं। बैठक में निर्णय लिया गया कि सेल और जीन थेरेपी को बढ़ावा देने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा। इसमें बीमारियों और शोध की जानकारी के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली बनाना, नई तकनीकों को विकसित करना और इलाज को सस्ता और प्रभावी बनाना शामिल है। -(PIB)