तिरुवनंतपुरम. केरल में पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर शीर्ष राजकीय पुरस्कार देने की सरकार की हालिया घोषणा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. प्रतिष्ठित मूर्तिकार कनाई कुन्हीरमन ने अपनी ऐतिहासिक प्रतिमाओं को सही ढंग से रखने में अधिकारियों की नाकामी पर विरोध जताते हुए ‘केरल श्री’ पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है.
कुन्हीरमन ने शंघुमुखम समुद्र तट पर ‘‘सागर कन्याका’’ (मत्स्यकन्या), यहां के वेली पर्यटन गांव और कन्नूर के पय्यम्बलम समुद्र तट पर उनकी मूर्तियों को कथित रूप से विरुपित किए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद, अधिकारियों ने अभी तक उनकी मूर्तियों के पास खड़ीं अवांछित संरचनाओं को नहीं हटाया है.
उन्होंने कहा कि उनकी प्रसिद्ध ‘मत्स्यकन्या’ प्रतिमा के पीछे एक हेलीकॉप्टर संरचना स्थापित की गई है और पय्यम्बलम में \’मां और बच्चे\’ की मूर्ति के सामने एक टॉवर बनाया गया है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा तैयार किए गए ‘वेली टूरिस्ट विलेज’ में कई अवांछित संरचनाएं बनाई गई हैं. कुन्हीरमन ने कासरगोड में कहा कि पुरस्कार देना अच्छी बात है, लेकिन मेरी मूर्तियों के सामने जो समस्याएं हैं, ये उनका समाधान नहीं है.
कुन्हीरमन को ‘केरल श्री’ पुरस्कार के लिये चुना गया था. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में, मैं सम्मान कैसे स्वीकार कर सकता हूं? इन सब चीजों को देखकर मैं एक पुरस्कार क्यों स्वीकार करूं? मेरे मुद्दों को पुरस्कारों के माध्यम से हल नहीं किया जा सकता … मुझे ऐसा सम्मान नहीं चाहिए. मेरी बनाई मूर्तियों का अच्छी तरह रखरखाव होना चाहिए.’’ केरल की वाम सरकार ने सोमवार को समाज में अमूल्य योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर तीन श्रेणियों में शीर्ष राजकीय पुरस्कार देने की घोषणा की थी. इनमें ‘केरल श्री’,‘केरल ज्योति’ और ‘केरल प्रभा’ पुरस्कार शामिल हैं.