पतनमथिट्टा (केरल). सबरीमाला में भगवान अयप्पा मंदिर में तैनात पुलिस र्किमयों को केरल के गृह विभाग द्वारा बांटी गयी एक पुस्तिका को बृहस्पतिवार को विवाद उठने के बाद राज्य सरकार ने वापस ले लिया. पुस्तिका में मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश को लेकर सरकार के एक निर्देश पर विवाद उठा था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि दिशानिर्देश कथित रूप से दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य वाला है.
वार्षिक तीर्थयात्रा की शुरुआत के सिलसिले में सबरीमाला पहुंचे राज्य के देवस्वोम मंत्री के. राधाकृष्णन ने कहा कि आरोपों के मद्देनजर पुस्तिका में किसी तरह की चूक पाये जाने पर उसे वापस लेने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि किताब पहले ही छप गयी थी और इसमें गलती से यह दिशानिर्देश आ गया.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार का इस मामले में कोई दुर्भावनापूर्ण मकसद नहीं है. हमने सबकुछ अच्छी मंशा के साथ किया है. अगर दिशानिर्देशों में कोई चूक हुई तो उन्हें वापस लेने का निर्देश दिया जाएगा.’’ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) एम आर अजीत कुमार ने भी कहा कि गलतियों में सुधार के बाद जल्द निर्देश-पुस्तिका पुलिस र्किमयों को वितरित की जाएगी.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘समझा जाता है कि पुरानी पुस्तिका को कॉपी कर उसी तरह छाप दिया गया. इसलिए गलती हुई. इसके अलावा, कुछ अन्य त्रुटियां भी हमारे संज्ञान में आईं. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने इसे वापस लेने और नयी पुस्तिका जारी करने का निर्देश दिया.’’ पुस्तिका में आम दिशानिर्देश में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के सितंबर 2018 के फैसले के अनुसार सभी श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे और इसे लेकर हुए प्रदर्शनों का प्रत्यक्ष उल्लेख किये बिना कहा कि अगर वाम सरकार की पुस्तिका में ‘सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश’ संबंधी दिशानिर्देश के पीछे कोई विशेष मंशा है तो इसे तत्काल रोकना बेहतर होगा.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर यह फैसला सबरीमाला को एक बार फिर युद्ध क्षेत्र बनाने तथा लोगों की आस्था पर निशाना साधने के मकसद से लिया गया है तो हम अतीत की कोई बात नहीं भूले हैं. सरकार उन चीजों से पहले पलट चुकी है. अगर आप फिर से इस तरह के कदम उठा रहे हैं तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे. हम केवल इतना कह सकते हैं.’’ भाजपा नेता ने यह भी कहा कि सरकार के लिए इस तरह के कदमों को वापस लेना ही ठीक होगा. सबरीमाला में भगवान अयप्पा मंदिर वार्षिक मंडलम मकरविलक्कू तीर्थयात्रा की पूर्वसंध्या पर बुधवार को खुल गया.