कोलंबो. श्रीलंका सरकार ने देश के इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट को लेकर रविवार को प्रस्तावित राष्ट्र व्यापी विरोध-प्रदर्शनों से पहले शनिवार को 36 घंटे का कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की. इससे पहले राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात एक विशेष गजट अधिसूचना जारी कर श्रीलंका में एक अप्रैल से तत्काल प्रभाव से सार्वजनिक आपातकाल लागू करने की घोषणा की थी. गजट अधिसूचना में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मेरी राय में श्रीलंका में आपातकाल लागू करना सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ समुदायों के लिए जरूरी वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के हित में है.’’ सूचना विभाग ने कहा कि देशव्यापी कर्फ्यू शनिवार शाम छह बजे से सोमवार (चार अप्रैल) सुबह छह बजे तक लागू रहेगा.
विभाग ने कहा कि राष्ट्रपति ने सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश नियमों के अंतर्गत उक्त निर्देश जारी किया है. यह कदम ऐसे समय में भी उठाया गया है, जब आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की नाकामी को लेकर द्वीपीय देश में रविवार को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का आ’’ान किया गया है. ऐसे में कर्फ्यू लागू रहने के कारण लोग विरोध-प्रदर्शनों में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. स्वतंत्र ंिथकटैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी आॅल्टरनेटिव्स’ ने आपातकाल पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘प्रतिबंधों से संविधान द्वारा प्रदत्त कुछ मौलिक अधिकार बाधित हो सकते हैं. इनमें अभिव्यक्ति की आजादी से लेकर सभा, आवाजाही, धर्म, संस्कृति और भाषा की स्वतंत्रता शामिल है.’’ अधिवक्ताओं ने बताया कि ये प्रतिबंध पुलिस को गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने वाले लोगों को गिरफ्तार करने की असीम शक्ति देते हैं. उन्होंने कहा कि इन प्रतिबंधों पर उनके क्रियान्वयन के हर 30वें दिन संसद की मंजूरी ली जानी चाहिए.