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वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय समिति की अगली बैठक 27 जनवरी को

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की अगली बैठक 27 जनवरी को होगी। इस बीच, जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि विपक्षी सांसदों द्वारा हंगामा किए जाने के कारण बैठक को दो बार स्थगित करना पड़ा और इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।

पाल ने बताया कि विपक्षी सांसदों के नारेबाजी और शोर-शराबे के कारण बैठक सुचारू रूप से नहीं चल सकी। इसके बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक प्रस्ताव रखा कि हंगामा करने वाले सांसदों को निलंबित कर दिया जाए जिसे समिति के सदस्यों ने समर्थन दिया। बैठक के एजेंडे में बदलाव के आरोपों पर स्पष्टीकरण देते हुए पाल ने कहा कि यह बदलाव विपक्षी नेताओं के अनुरोध पर किया गया था। विपक्ष चाहता था कि कश्मीरी धर्मगुरु मीरवाइज उमर फारूक को बैठक में आमंत्रित किया जाए। मीरवाइज और उनके प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में भाग लिया और बिल के कुछ प्रावधानों पर अपनी आपत्तियां और सुझाव रखे।

दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले बिल को जल्दबाजी में पारित करने के आरोपों का खंडन करते हुए पाल ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने स्वयं इस बिल को विस्तृत चर्चा के लिए जेपीसी को भेजने का अनुरोध किया था। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों से जुड़े भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और अवैध कब्जों जैसी समस्याओं का समाधान करना है। इसमें संपत्तियों का डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, पारदर्शिता बढ़ाने और अवैध कब्जे को हटाने के लिए कानूनी तंत्र विकसित करने जैसे सुधार प्रस्तावित हैं।

जेपीसी से उम्मीद है कि वह बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। गौरतलब है कि बजट सत्र दो चरणों में 31 जनवरी से शुरू होगा और 4 अप्रैल तक चलेगा। वहीं केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा।

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