इस बार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) अपनी झांकी ‘रक्षा कवच’ प्रस्तुत करेगा। ‘बहु-स्तरीय सुरक्षा और बहु-क्षेत्रीय खतरों से रक्षा’ थीम पर आधारित यह झांकी भारत की रक्षा तकनीक में हुई प्रगति और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के प्रयासों को दिखाएगी। इसमें कई अत्याधुनिक हथियार और तकनीकी प्रणालियां जैसे क्विक रिएक्शन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, एडवांस टोअड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) शामिल होंगे। इसके अलावा, सैटेलाइट आधारित निगरानी प्रणाली और अरुध्र मीडियम पावर रडार भी इस झांकी में प्रदर्शित किए जाएंगे।
झांकी में DRDO की अन्य उन्नत तकनीकों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इनमें लाइटवेट टॉरपीडो, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम (धराशक्ति), लेजर आधारित ऊर्जा हथियार, और बहुत कम दूरी की एयर डिफेंस सिस्टम शामिल हैं। इसके अलावा, स्वदेशी मानवरहित विमान प्रणाली, सुरक्षित सैटेलाइट फोन, भूमि सेना के लिए V/UHF सॉफ्टवेयर-डिफाइंड रेडियो, और उग्रम असॉल्ट राइफल भी इस झांकी का हिस्सा होंगी।
झांकी में 2024 की कई प्रमुख उपलब्धियों को भी दर्शाया जाएगा। इनमें लॉन्ग रेंज हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल, हल्का बुलेटप्रूफ जैकेट (अभेद्य), दिव्यास्त्र (मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल), जोरावर लाइट टैंक, और उन्नत डोर्नियर विमान, जो रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और सॉफ्टवेयर-डिफाइंड रेडियो से लैस आधुनिक हथियार शामिल हैं।
झांकी में प्रलय हथियार प्रणाली को भी प्रदर्शित किया जाएगा। यह एक सामरिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है जो अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है और भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत बनाती है। गणतंत्र दिवस परेड में सशस्त्र बलों के दलों के साथ DRDO द्वारा विकसित कई अन्य सिस्टम भी प्रदर्शित किए जाएंगे। इनमें नाग मिसाइल सिस्टम, पिनाका रॉकेट लॉन्चर, ब्रह्मोस मिसाइल, शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम, और आकाश हथियार प्रणाली शामिल हैं।
DRDO भारत की रक्षा तकनीक को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार कार्यरत है। संगठन ‘मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए शिक्षा, उद्योग, स्टार्ट-अप और रक्षा सेवाओं के साथ साझेदारी कर रहा है।