कथित एनजीओ के लोगों ने महिला को बताया कि वे बीमार और गरीब तबके के बच्चों के इलाज के लिए काम करते हैं। महिला ने पहले कुछ चंदा दे दिया। दोबारा वह पैसे नहीं दे पाई, तो महिला को बच्चे की मौत का जिम्मेदार बताते हुए ठग ब्लैकमेल करने लगे।By Shashank Shekhar Bajpai Publish Date: Tue, 24 Dec 2024 04:58:14 PM (IST)Updated Date: Tue, 24 Dec 2024 05:05:44 PM (IST)घटना की शिकायत पर रेंज साइबर थाने में जुर्म दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।HighLightsएनजीओ में डोनेशन देने के लिए महिला से फोन पर किया था संपर्क। पैसे नहीं देने की वजह से बच्चे की मौत होने की बात पर धमकाया गया। इसके बाद महिला हो गई ठगी की शिकार, साइबर थाना में दर्ज FIR।नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। शहर में रहने वाली महिला से सामाजिक कार्य के लिए चंदा मांगने एक एनजीओ के लोगों ने फोन से संपर्क किया था। कथित एनजीओ के संचालकों ने बीमार और गरीब तबके के बच्चों की मदद का झांसा देकर महिला से रुपये लिए।इसके बाद एक बीमार बच्चे की मदद के लिए रुपये मांगे। महिला रुपये नहीं दे पाई, तो बच्चे की मौत का जिम्मेदार बताते हुए उन्हें ब्लैकमेल किया गया। महिला से 25 लाख की ठगी कर ली गई है। घटना की शिकायत पर रेंज साइबर थाने में जुर्म दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।रेंज साइबर थाने के प्रभारी अधिकारी आईपीएस और कोतवाली सीएसपी अक्षय प्रमोद सबद्रा ने बताया कि एक महिला ने 25 लाख की ठगी की शिकायत की है। महिला ने बताया कि एक सामाजिक कार्य के लिए कुछ लोगों ने उनसे चंदा मांगने संपर्क किया था।महिला को करने लगे ब्लैकमेल कथित एनजीओ के लोगों ने महिला को बताया कि वे बीमार और गरीब तबके के बच्चों के इलाज और उनके विकास के लिए काम करते हैं। उनकी बातों में आकर महिला ने पहले कुछ रुपये चंदा दे दिया। इसके बाद एक बीमार बच्चे के इलाज के लिए महिला से और रुपये मांगे गए। महिला तब उन्हें रुपये नहीं दे पाई।इसके बाद जालसाजों ने महिला को कॉल कर बताया कि इलाज नहीं मिलने के कारण बच्चे की मौत हो गई है। जालसाजों ने इसका जिम्मेदार महिला को बताते हुए धमकाना शुरू कर दिया। इसके बाद महिला से अलग-अलग बहानों से 25 लाख रुपये ले लिए गए।जब जालसाजों की मांग बढ़ती गई तो महिला ने पूरे मामले की जानकारी स्वजन को दी। इसके बाद घटना की शिकायत रेंज साइबर थाने में की गई है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। आईपीएस अक्षय प्रमोद सबद्रा ने बताया कि मामला संवेदनशील है। इसके कारण पीड़ित महिला का नाम पुलिस की ओर से उजागर नहीं किया जा रहा है।यह भी पढ़ें- ‘महतारी वंदन योजना’ की ‘सनी लियोनी’ पर सियासी शोरगुल, कांग्रेस ने घेराडरने के बजाय तुरंत जाएं पुलिस के पास आईपीएस अक्षय प्रमोद सबद्रा ने बताया कि समय के साथ ही जालसाज ठगी के तरीके बदलते रहते हैं। वर्तमान में किसी केस में फंसने की बात कहकर लोगों को डाराया जाता है। इसके बाद पुलिस की ड्रेस पहना हुआ व्यक्ति वीडियो कॉल कर किसी केस में नाम आने की बात कहता है।यह भी पढ़ें- तीन साल के बेटे को ले गए सौतेला पिता ने किया गायब, खून के धब्बे देख मचा हड़कंपइसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के नाम पर कुछ फर्जी दस्तावेज भी लोगों के मोबाइल पर भेजा जाता है। इस तरह से किसी भी तरह की धमकियों से डरने के बजाए तत्काल स्थानीय पुलिस को मामले की जानकारी देनी चाहिए। साथ ही इस तरह के फोन कॉल पर किसी भी तरह का लेन-देन करने से पहले पुलिस थाने में सूचना देना जरूरी है। इससे ठगी से बचा जा सकता है।